
Four panchayat secretary guilty of embezzlement suspended
सतना/ जिला पंचायत सीइओ ने निर्माण कार्यों की राशि निकाल कर गबन करने के दोषी चार सचिवों को निलंबित करते हुए इनसे राशि वसूली की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। इसमें से तीन सचिव मझगवां जनपद के व एक सोहावल जनपद का है। सोमवार को पेशी से अनुपस्थित रहने वाले आधा दर्जन सचिवों का 10 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। सोमवार को गबन के मामलों में सचिवों को पेशी बुलाई गई थी। जिसमें मझगवां जनपद की ग्राम पंचायत नयागांव के तत्कालीन सचिव संतोष नामदेव के मामले में पाया गया कि वह यहां 2008 से 14 तक पदस्थ था।
21.44 लाख रुपये के गबन
इस दौरान उसने सर्व शिक्षा अभियान के कामों में गफलत की। राशि निकालने के बाद काम पूरा नहीं किया गया। मूल्यांकन के आधार पर उसे 21.44 लाख रुपये के गबन का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है। साथ ही यह राशि वसूलने नोटिस जारी की गई है। इसी तरह से ग्राम पंचायत जवारिन के तत्कालीन सचिव रजोली सिंह की पेशी में पाया गया कि उसने यहां 2013 तक काम किया है। पुराने कामों का मूल्यांकन करने पर पाया गया कि मूल्यांकन से अधिक की राशि का आहरण कर लिया है।
कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं
साथ ही काम भी पूरा नहीं किया। इस पर उसे 9 लाख 85 हजार के गबन का दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया गया। राशि वसूली की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इसी तरह ग्राम पंचायत गलबल के तत्कालीन सचिव फूलचंद डोहर के मामले में पाया गया कि उसे काम पूरा करने का पर्याप्त समय दिया गया। इसके बाद भी उसने इसमें गंभीरता नहीं दिखाई। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया साथ ही जो निर्माण कार्य किया है वह भी काफी घटिया है जिसे तकनीकि अमला अमान्य कर रहा है। इस मामले में तत्कालीन सचिव डोहर को निलंबित करने के आदेश दे दिये गये हैं।
राशि वसूली का नोटिस
एक मामला जनपद पंचायत सोहावल की ग्राम पंचायत धौरहरा का है। यहां के तत्कालीन सचिव राजमणि लढिय़ा ने 5.70 लाख रुपये निकाल लिये लेकिन काम नहीं किया। उसने पेशी के दौरान सफाई में बताया कि यह कृत्य उसने सरपंच के दबाव में आकर किया था। जिस पर जिपं सीईओ बाफना ने कहा कि शासकीय सेवक होने के बाद भी यह कृत्य सहभागिता का द्योतक है। ऐसे में दोषी माने जाएंगे। इस आधार पर सचिव को निलंबित करते हुए राशि वसूली का नोटिस जारी किया गया है।
सचिवों की काटी वेतन
पेशी में मझगवां और सोहावल के 5-6 सचिव बिना सूचना के अनुपस्थित रहे। इसे गंभीरता से लेते हुए जिपं सीईओ ने सभी अनुपस्थित सचिवों का 10-10 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
Updated on:
05 Feb 2020 01:17 am
Published on:
04 Feb 2020 06:21 pm
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