जानकारी के अनुसार खखर्रा निवासी गोविंद पाल (25) मानसिक रूप से बीमार था और नागपुर का उसका इलाज चल रहा था। घटना मंगलवार की रात की है जब वह ढाई साल के बेटे और पत्नी पूजा (23) के साथ कमरे में सोने चला गया था। सुबह बच्चे की रोने की आवाज सुनकर परिवार के लोग जाग गए। पहले तो उन्होंने गोविंद और पूजा को आवाज लगाई। जब कोई जवाब नहीं मिला तो कमरे की तरफ गए। जहां का नजारा परिवार के लोगों के होश उड़ गए। पूजा का शव खून से सना फर्श पर पड़ा था, जबकि गोविंद फंदे से लटका हुआ था। टीआइ डीआर शर्मा ने बताया कि अभी घटना की वजह स्पष्ट नहीं है। मृतिका का मायका उमरिया जिले के मानपुर के बडार गांव में था।
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रात में सामान्य था गोविंद
ग्रामीणों ने बताया कि गोविंद पाल खेती और दूध का व्यवसाय करता था। मंगलवार रात करीब 10 बजे चौराहा स्थित दुकान आया था। वहां सभी लोग आग तापते हुए गप्प मार रहे थे। गोविंद के हावभाव बिलकुल सामान्य थे। उसे देखकर नहीं लगता था कि उसके मन को कोई बवंडर चल रहा है, लेकिन घर जाकर वह पत्नी की हत्या कर खुद की जीवनलीला समाप्त कर लेगा ये किसी को अंदेशा नहीं था । ग्रामीणों ने बताया कि यार दोस्तों को पान गुटखा खिलाने के बाद गोविंद रात 11.30 बजे घर चला गया था।
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ढ़ाई साल के बच्चे ने देखा खौफनक मंजर
मृतकों के परिजनों के हवाले से पुलिस ने बताया कि सुबह 7 बजे बच्चे की तेज आवाज में चीखने और रोने की आवाज सुनकर उसके दादा सुरेश पाल कमरे के पास पहुंचे। सुरेश ने पहले दरवाजा खटखटाया फिर लड़के व बहू को आवाज दी। 15 मिनट तक जब दरवाजा नहीं खुला और बच्चे के रोना जारी रहा तब परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका हुई। इतने में परिवार के लोग भी जाग गए। सभी बच्चे को दरवाजा खोलने के लिए तरीके बताते रहे। पुलिस की मानें तो करीब 20 मिनट बाद ढाई वर्ष के आरव ने दरवाजा खोल दिया।
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पूजा के शरीर में सात घाव मिले
गोविंद ने पत्नी का कत्ल बड़ी बेरहमी से किया था। उसके शरीर में कुल्हाड़ी के सात घाव मिले, मौके से खून से सनी कुल्हाड़ी भी बरामद हुई। गोविंद के जीवित होने की उम्मीद में फंदे से उतार लिया था। लेकिन उसकी भी सांसे थम गईं थीं इसलिए शव बेड पर ही रख दिया था। परिजनों ने पुलिस को ये भी बताया है कि गोविंद की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी। कभी वह पूरी तरह से सामान्य रहता तो कभी नींद नहीं आने से पागलों जैसी हरकत करने लगता था। एक माह पहले उसने नागपुर में इलाज कराया था। जिसकी दवाइयां गोविंद खा रहा था। परिजन की मानें तो गोविंद नींद नहीं आने पर बेचैन होकर बड़बड़ाता था, लेकिन कभी किसी के साथ मारपीट नहीं की थी। पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या और फांसी से गोविंद की मौत से पूरा गांव सकते में है।
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