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सतना-पन्ना रेल खंड में उपयोग हो रही अवैध खनन की मुरुम, ठेकेदार के इशारे पर सितपुरा से नागौद तक हो रहा खनन

मौहरी में मशीनरी लगाकर धड़ल्ले से खनन जारी

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Illegal mining murum Uses in Satna-Panna Rail section

Illegal mining murum Uses in Satna-Panna Rail section

सतना। सतना-पन्ना रेलखंड के निर्माण में अवैध खनन की मुरुम उपयोग हो रही है। ठेकेदार के इशारे पर खनिज कारोबारी मुरुम का अवैध खनन करके सीधे निर्माणाधीन रेल लाइन में उपयोग कर रहे हैं। आलम ये है कि सितपुरा से लेकर नागौद तक कई जगह खनन किया जा रहा है। वहीं स्थानीय अधिकारियों को सब कुछ मालुम होने के बाद भी चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं।

ऐसा ही मामला शनिवार को एनएच-75 स्थित मौहारी मोड़ पर देखने को मिला, बकायदा मशीनरी लगाकर मुरुम का खनन किया जा रहा था और बड़े वाहनों से मुरुम का परिवहन करते हुए निर्माणाधीन रेल लाइन तक पहुंचाया जा रहा था।

किसी प्रकार की लीज स्थाई या अस्थाई स्वीकृत नहीं

बताया जा रहा है कि मौहारी मोड़ पर एक तलाब है। जिसमें पहले भी सड़क निर्माण कंपनियों ने अवैध खनन कर रखा है। इसी तालाब में अब सतना-पन्ना रेलखंड की एक ठेका कंपनी खनन कर रही है। इसके लिए किसी प्रकार की लीज स्थाई या अस्थाई स्वीकृत नहीं कराई गई है। ठेका कंपनी का मालिक स्थानीय रसूखदार है। जो आसपास के दबंगों के माध्यम से खनन करवा रहा है। ये सिलसिला विगत दो-तीन माह से जारी है। बड़े पैमाने पर हर रोज खनन होता है।

हाइवे किनारे खनन
इस अवैध खनन को पकडऩे के लिए दूर-दराज के क्षेत्र में नहीं जाना है। स्थिति ये है कि एनएच-75 से दिखाई देने वाले स्थान पर खनन हो रहा है। जिससे हर रोज आला अधिकारी गुजरते हैं। लेकिन, किसी को ये खनन दिखाई नहीं देता है।

पखवाड़ा बेमानी
अवैध खनन रोकने खनिज विभाग सहित पुलिस, वन, राजस्व व वन विभाग विशेष पखवाड़ा मना रहे है। समंवय बनाते हुए कार्रवाई करने के निर्देश है। जिसमें 6 दर्जन से अधिकारी शामिल हैं। उसके बाद भी हाइवे किनारे हो रहा अवैध खनन किसी को नहीं दिख रहा है। शिकायत के बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में पूरा पखवाड़ा बेमानी साबित हो रहा है।

चुप्पी साधकर बैठे अधिकारी
इस मामले की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को है। उन्हे बकायदा शिकायत तक दी गई, फोन पर भी सूचना दी गई। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता है। लिहाजा उनकी भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। राजस्व अधिकारी कहते हैं कि खनिज विभाग का काम है। वहीं खनिज विभाग के अधिकारी आज-कल करते हुए मामले को टाल रहे हैं।