
Jagatdev pond will be restored, collector has inspected
सतना. शहर के हृदय स्थल और ऐतिहासिक जगतदेव तालाब के दिन अब बहुरने वाले हैं। स्थानीय जनों और प्रशासनिक अनदेखी का शिकार यह तालाब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था। आम जन जहां कचरा डालने में कोई हिचक महसूस नहीं करते थे तो समाजसेवी भी इस दिशा में सक्रिय नजर नहीं आते थे। पूरा तालाब जलकुंभी से पट गया है और यहां पानी तक नजर आना बंद हो चुका है। तालाब की दुर्दशा को देख पत्रिका ने यहां अमृतम् जलम् अभियान शुरू किया। अभियान से लोग जुड़े। निगमायुक्त भी इस कार्यक्रम में पहुंचे और श्रमदान में सहभागी बने। महापौर ने भी सहभागिता निभाई और इस दिशा में पहल की बात कही। गुरुवार को कलेक्टर सतेन्द्र सिंह ने खुद जगतदेव तालाब पहुंच कर मौका मुआयना किया और इसके जीर्णोद्धार, गहरीकरण और सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया। इस दौरान निगमायुक्त संदीप जीआर, एसडीएम पीएस त्रिपाठी मौजूद रहे।
जगतदेव तालाब पहुंच कर कलेक्टर ने पहले इसके मंदिर परिक्षेत्र का अवलोकन किया इसके बाद तालाब की मेड़ का जायजा लिया। इसके साथ ही तालाब के उस हिस्से को भी देखा जहां पानी तो है लेकिन जलकुंभी के कारण पानी नजर नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं तालाब के खाली हिस्से की भी स्थिति देखी। इस दौरान निगमायुक्त भी साथ रहे। कलेक्टर ने शहर के मध्य स्थित इस तालाब के कायाकल्प का निर्णय लेते हुए निगमायुक्त को इसकी कार्ययोजना तैयार करने कहा।
वोटिंग के लिए अधिक जलभराव की व्यवस्था
जगतदेव तालाब का भ्रमण कर कलेक्टर ने तालाब की मेड़ ऊंची करने, तालाब का सुन्दर स्वरूप बनाने, फैंसिंग कार्य कराने, तालाब की सफाई करने, जलकुंभी हटाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही यहां वोटिंग के संबंध में भी निर्णय लिया। इसके लिए जल का भराव अधिक करने विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि तालाब के गहरीकरण होने से जलस्तर बढ़ेगा। साथ ही नागरिकों को घूमने के लिये एक अच्छा स्पॉट भी बन जाएगा।
हटाए जाएंगे अव्यवस्थित खंभे
तालाब के किनारे अव्यवस्थित लगे विद्युत खंभों को हटाकर व्यवस्थित रूप से लगाने के लिए विद्युत मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए। इसी प्रकार तालाब के किनारे छायादार पौधे लगाने, मेड़ों का चौड़ीकरण करने तथा तालाब के किनारे बनी सड़क पर स्थानीय लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने नगर निगम के अतिक्रमण अधिकारी को निर्देश दिए।
सबसे बड़ी समस्या जल भराव की
स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि यह तालाब पहले बारिश के पानी से लबालब रहता था। लेकिन इसके कैचमेंट एरिया में व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण कर लिए जाने से अब तालाब के उत्तरी दिशा के अगोल से पानी आना बंद हो गया है। अगर अगोल को व्यवस्थित कर दिया जाए और यहां कैचमेंट एरिया का पानी आने का इंतजाम कर दिया जाए तो तालाब बारहों महीने पानी से भरा रहेग
Published on:
30 May 2019 11:51 pm
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