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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनीटर ने वृद्धाश्रम के कर्मचारी को लगाई फटकार

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वृद्धाश्रम का निरीक्षण करते स्पेशल मॉनीटर बीके गोयल

सतना। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनीटर बालकृष्ण गोयल ने गुरुवार को अपने मैहर जिले के प्रवास के दूसरे दिन मां शारदा मंदिर प्रबंध समिति मैहर द्वारा संचालित वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया। यहां मिल कर्मचारी से वृद्धाश्रम को लेकर पूछा कि किस तरीके से क्या काम करते हैं। इस पर कर्मचारी ने जवाब दिया कि बुड्ढे लोग बहुत परेशान करते हैं। यह सुन गोयल भड़क गए। कहा कि सबसे पहले तो तुम्हें बोलने की तमीज सीखनी चाहिए। इन्हें बुजुर्ग बोलो, बाबू जी बोलो, ये कौन सा तरीका है। ऐसे में तो तुम्हें नौकरी से निकाल देना चाहिए, क्योंकि जब सम्मान भाव नहीं है तो सेवा क्या करते होगे। वृद्धाश्रम में रहने वाले हर बुजुर्ग हमारे माता-पिता के समान है। किसी भी कर्मचारी द्वारा वृद्ध जनों के साथ किए गए दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नही किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने यहां मौजूद बुजुर्गों से बात की। इस दौरान तहसीलदार जीतेन्द्र पटेल, सीएमओ लालजी ताम्रकार मौजूद रहे।

वृद्धा की शिकायत पर सामने आया मामला

एक वृद्धा ने स्पेशल मॉनीटर से वृद्धाश्रम के कर्मचारी की शिकायत करते हुए कहा कि जब भी यहां की अव्यवस्था की शिकायत करते हैं तो इनका कहना होता है कि जो है ऐसा ही रहेगा। तुम आश्रम छोड़ कर चले जाओ। इस पर संबंधित कर्मचारी को बुलाकर जमकर फटकारा। कहा, आश्रम तुम्हारे बाप का नहीं है जो इस तरह की बात करते हो। एक बुजुर्ग ने यहीं रहने वाले दूसरे बुजुर्ग की शिकायत में बताया कि वे उसे डंडे से पीटते हैं। जिस पर स्पेशल मॉनीटर ने दोनों को बुलाया और कहा कि यदि दोबारा यहां ऐसा हुआ तो आप दोनों को अलग-अलग वृद्धाश्रमों में भेज देंगे। इसके बाद उन्होंने अपना नंबर यहां पर सभी को नोट करवाया। कहा कि कोई परेशानी हो तो मुझे फोन करें। यहां मौजूद बुजुर्गों ने बताया कि उनके पैरों में दर्द होता है जोड़ों में दर्द होता है दिखाने नहीं ले जाते हैं। इस पर सीएमएचओ को निर्देशित किया कि यहां प्रति सप्ताह वृद्धों का मेडिकल परीक्षण किया जाए। माह में एक बार विशेषज्ञ चिकित्सक जांच करें। एक वृद्धा ने पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। जिस पर तत्काल पेंशन जारी करने के निर्देश सामाजिक न्याय विभाग को दिए। वृद्धाश्रम प्रभारी को आश्रम में कार्यरत सभी कर्मचारियों की मेडिकल जांच और पुलिस वेरीफिकेशन कराने के आदेश दिए। वृद्धजनों को हर माह मैहर के आस पास तीर्थ दर्शन कराने कहा।

दत्तक ग्रहण देने से पहले बच्चे का मेडिकल परीक्षण कराएं

स्पेशल मॉनीटर ने सतना में मातृछाया शिशु गृह का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने कहा कि जब भी किसी बच्चे को दत्तक ग्रहण में देते हैं तो उसके पहले उस बच्चे का जिला अस्पताल में संपूर्ण मेडिकल चेकअप कराएं। ताकि अप्रिय स्थिति में बच्चे के प्रमाण आपके पास रहे। यह भी कहा कि गोद देने से पहले बच्चे की पूरी आदतें, कब सोता है, कब जागता है उसकी क्या गतिविधि है इसकी पूरी जानकारी दत्तक लेने वाले माता पिता को दें। इससे उन्हें बच्चे की और अच्छी देखभाल कर सकेंगे।

नगर निगम के पेयजल की गुणवत्ता ठीक नहीं

स्पेशल मॉनीटर ने सेन्ट्रल जेल का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने नगर निगम द्वारा प्रदाय की जाने वाली जल आपूर्ति की गुणवत्ता को ठीक नहीं पाया। प्रत्येक माह बंदियों के लिए आर्थो, डेंटल और ईएनटी के डॉक्टरों से नियमित जांच कराने कहा। निर्देश दिए कि महिला बंदियों के कौशल प्रशिक्षण में दिए जाने वाले सर्टिफिकेट में सतना जेल न लिखा हो और न ही जेल अधीक्षक की सील हो। केवल अधीक्षक के नाम से जारी हो, अन्यथा मुख्य धारा में स्वीकार नहीं हो पाएंगी। महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों को लेकर कहा कि इन्हें शिशु गृह में भी रखा जा सकता है। ताकि उनपर जेल का प्रभाव न पड़े। जब महिला बंदी मुक्त हों तो वे उन्हें फिर ले जा सकती है। गोयल ने बंदियों का भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता पर संतोष जताया। जेल की लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया।