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satna: सांसद महापौर को बाहर छोड़ प्रभारी मंत्री ने की मंडल अध्यक्षों से अलग मुलाकात

मंडल अध्यक्षों ने सांसद - महापौर के सामने अपनी बात रखने से किया इंकार प्रभारी मंत्री शाह और जिलाध्यक्ष बंद कमरे में मंडल अध्यक्षों से अलग से मिले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ की कानून व्यवस्था की समीक्षा  

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satna: सांसद महापौर को बाहर छोड़ प्रभारी मंत्री ने की मंडल अध्यक्षों से अलग मुलाकात

Leaving out MP mayor, minister separate meet with mandal adhyaksh

सतना. शनिवार को सतना दौरे में आए प्रभारी मंत्री विजय शाह ने उस समय भाजपा के अंदरखाने में चर्चाओं का बाजार गर्म करवा दिया जब भाजपा कार्यालय में उन्होंने सांसद गणेश सिंह और महापौर योगेश ताम्रकार को बाहर छोड़ जिलाध्यक्ष नारेन्द्र त्रिपाठी साथ कमरे में अंदर बैठकर मंडल अध्यक्षों से मुलाकात की। दरअसल शुरुआत में प्रभारी मंत्री विधानसभावार मंडल अध्यक्षों से सांसद महापौर के साथ बैठकर बात कर रहे थे और उनकी समस्याएं सुन रहे थे। अमरपाटन और चित्रकूट मंडल अध्यक्षों से चर्चा भी हो गई। लेकिन रामपुर बाघेलान मंडल अध्यक्ष ने सांसद के सामने अपनी बात रखने से साफ इंकार कर दिया। कहा कि वे मंत्री से अकेले में बात करेंगे। इसके बाद मंत्री शाह ने वहीं बैठे जिलाध्यक्ष को अपने साथ लिया और अंदर अलग कमरे में चले गए। इसके बाद यहां अन्य विधानसभाओं के मंडल अध्यक्षों से मुलाकात कर बात की।

सचिवों से परेशान है अध्यक्ष

जानकारी के अनुसार कई मंडलों के अध्यक्ष सचिवों को लेकर काफी परेशान है। उनका कहना है कि जिनकी वे खिलाफत करते हैं उन्हें बडे नेता अपना छत्रप दे देते हैं। ऐसे में हमारी कोई कद्र नहीं है। इसके अलावा अधिकारी भी हम लोगों की नहीं सुनते हैं। इसके बाद प्रभारी मंत्री ने एसडीएम से फोन पर बात करते हुए मंडल अध्यक्षों को बुलाकर चाय पिलाने और उनकी बात सुनने के निर्देश दिए।

IMAGE CREDIT: patrika

पुलिस और आबकारी अधिकारी की तय करो जिम्मेदारी

भाजपा कार्यालय में बैठक लेने के बाद जिले प्रभारी मंत्री कुंवर विजय शाह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। अवैध नशे के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी मांगते हुए कहा, जिस एरिया में अवैध शराब की तस्करी व बिक्री मिले, वहां के पुलिस और आबकारी अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पंचायत चुनाव और उसके बाद चले नशे के खिलाफ अवैध अभियान में 25 लाख से ज्यादा का नशा पकड़कर पांच सौ प्रकरण बनाए गए हैं।

बोले सांसद, गांव गांव बिक रही अवैध शराब

इस दौरान सांसद गणेश सिंह ने कहा, अभी भी गांव-गांव अवैध शराब बिक रही है। मुख्यमंत्री भी इस मामले में चिंता जता चुके हैं। मंत्री ने इस पर गंभीरता से काम करने पुलिस अधीक्षक से कहा। नागौद विधायक नागेंद्र सिंह ने जिले में बालिकाओं के अपहरण में दस्तयाबी का प्रतिशत पूछा। पुलिस अधिकारियों ने बताया, इस वर्ष अभी तक पौने चार सौ बालिकाएं लापता हुईं थी जिनमें से साठ फीसदी से ज्यादा सकुशल तलाश ली गई हैं। बाकी की तलाश में पुलिस की 15 टीमें लगी हैं। बैठक के दौरान मंत्री ने जिला पुलिस की इस बात पर तारीफ की कि संगीन और बड़े अपराधों के खुलासे में सतना का रिकॉर्ड बेहतर है। बैठक में राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, महापौर योगेश ताम्रकार, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, जिला पंचायत सीइओ परीक्षित झाड़े, ननि आयुक्त राजेश शाही, एएसपी सुरेंद्र जैन सहित सभी एसडीओपी उपिस्थत रहे।

जब मंत्री ने डीएसपी के तबादले की बात कही

प्रभारी मंत्री ने बैठक में तीन साल से अधिक पदस्थापना वाले अधिकारियों की जानकारी चाही तो इसके दायरे में मुख्यालय डीएसपी प्रभा किरण कैरो आ गईं। इस पर प्रभारी मंत्री ने उनके गृहनगर भोपाल अथवा आस पास जिले में भेजने की बात कही। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह अधिकार राज्य शासन को है। इसके बाद प्रभारी मंत्री ने किस थाने में कौन से अधिकारी कब से पदस्थ हैं इसकी जानकारी तलब की।

महापौर ने कहा- मुझे सुरक्षा की जरूरत

बैठक में महापौर योगेश ताम्रकार ने खुद की सुरक्षा के लिए पुलिस सुरक्षा गार्ड की मांग रखी। प्रभारी मंत्री को बताया कि गनमैन उपलब्ध कराने के लिए एसपी को आवेदन पत्र लिखा था लेकिन डेढ़ माह बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ। इसमें इतना समय क्यों लग रहा है। प्रभारी मंत्री को एसपी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि महापौर की तरफ से पत्र मिलने के बाद मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया है वहां से जवाब मिलने पर आगे कार्यवाही की जाएगी। दरअसल, महापौर को पुलिस सुरक्षा गार्ड प्रदान करने की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा नहीं दी गई हैै। इसको लेकर महापौर ने एसपी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की बात कार्यवाही में लिखने की कही। इस पर प्रभारी मंत्री ने महापौर को समझाया कि यह बात यहां करने की नहीं है। मुख्यमंत्री के समक्ष निवेदन करेंगे कि महापौर को भी सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने के नियम बनाएं। हालांकि इस दौरान मंत्री ने पूछा नगर निगम की कार्रवाई में आवश्यकता पड़ने पर पुलिस तो पहुंचती होगी ना। महापौर ने कहा कि बराबर पहुंचती है। मैं अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की बात कर रहा हूं। मेरे द्वारा बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटवाए गए हैं। अब एसपी ने मेरा आवेदन मुख्यालय भेजकर लिंगर ऑन करने का प्रयास किया है। जब मेरे साथ कोई घटना हो जाएगा तब मुझे सुरक्षा गार्ड मिलेगा। मंत्री ने समझाइश के साथ बाद में मामला बदल दिया।

सड़कों के गड्ढों ने रोकी काफिले की रफ्तार

शाम को मैहर के लिए निकले प्रभारी मंत्री जब बेलहटा की ओर जा रहे थे तो उनके काफिले में सवार वाहनों की गति सतना-मैहर बायपास पर सड़क के गड्ढों ने धीमी कर दी। बेलहटा जाते समय ठीक आरटीओ कार्यालय के समीप स्पीड ब्रेकर और जगह जगह पर सड़क के गड्ढों ने काफिले की रफ्तार को कम कर दिया। यहां स्पीड ब्रेकर के दोनों ओर गड्ढे भी बड़े हैं। स्पीड ब्रेकर भी काफी ऊंचा है। स्मार्ट सिटी की बन रही सीमेंट कांक्रीट सड़क पर गुजरते हुए वाहनों का काफिला भी धूल से सराबोर रहा।

बेलहटा में मिली प्रभारी मंत्री को गंभीर शिकायतें

मैहर जाने से पहले प्रभारी मंत्री विजय शाह बेलहटा पहुंचे। यहां के ग्रामीणों ने मंत्री से गंभीर शिकायतें कीं। बताया, बेलहटा में ग्राम पंचायत भवन नहीं बना है। जबकि इसका पैसा 20 लाख रुपए निकाल लिया गया है। प्रभारी मंत्री ने सतना से लगी पंचायत में इस प्रकार की गड़बड़ी की जांच करने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और ग्राम पंचायत में भवन बनाने के निर्देश सीईओ जिला पंचायत डा परीक्षित झाड़े को दिये। इसके पूर्व मंत्री ने जब जनपद सीईओ मुन्नी लाल प्रजापति से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में आज ही यह बात आई हैं। कल ही इसकी जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह कौशल विकास केन्द्र निर्माण और सामुदायिक भवन का भी पूरा पैसा निकाल लिया गया है। लेकिन इन दोनों भवनों में अब तक छत भी नहीं पड़ी है।

बीच रास्ते प्रभारी मंत्री और अहलूवालिया का मिलन

प्रभारी मंत्री जब मैहर के लिये जा रहे थे तभी उचेहरा फाटक के पास मैहर से सतना के लिए आ रहे केजेएस सीमेंट के डायरेक्टर पवन अहलूवालिया से भेंट हुई। दोनों की गाड़ियां रुकी और वार्तालाप होने लगा। इस दौरान आगे-पीछे लंबा जाम लग गया। तब अहलूवालिया के साथ चल रहे बाउंसरों ने जाम खुलवाना शुरू किया। इस दौरान यहां पर एक चाय पान की गुमटी के सामने का एक निर्माण जो वाहन निकलने में दिक्कत कर रहा था उसे बाउंसरों ने तोड़ दिया। यह देख गुमटी वाले ने निकलकर गाली गलौज शुरू कर दी। इसके बाद बाउंसर उससे उलझ गए। यहां माहौल बिगड़ने लगा तो किसी तरह स्थिति संभाली गई।

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सर्किट हाउस में तीखे दिखे मंत्री के तेवर

शनिवार की सुबह जब प्रभारी मंत्री सतना पहुंचे तो सीधे सर्किट हाउस आए। यहां पहुंच कर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान तक उनसे मिलने विभिन्न विभागों के अधिकारी भी पहुंचे। इस दौरान मंत्री जिले की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर नजर आए तो शहर की यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण पर भी काफी मुखर रहे। बैठक से पहले मंत्री के ऐसे तेवर देख अफसरों में बैठक को लेकर काफी तनाव नजर आया।

स्टेशन से सर्किट हाउस तक का पूरा अतिक्रमण हटाएं

सतना पहुंचे प्रभारी मंत्री ने सर्किट हाउस में निगमायुक्त से चर्चा के दौरान कहा कि जब भी मैं सतना आता हूं तो शहर अच्छा नहीं दिखता। कम से कम स्टेशन से सर्किट हाउस तक की स्थिति तो ठीक नजर आनी चाहिए। उन्होंने निगमायुक्त को निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन से सर्किट हाउस तक जितने भी अतिक्रमण है उन्हें सख्ती से हटाओ। इसके साथ ही इसे क्षेत्र को सुन्दर बनाओ, ताकि कोई आए तो शहर सुन्दर लगे और उसे महसूस हो कि अच्छे शहर में आए हैं।

दारू गांजा की अवैध बिक्री पर हुए फोकस

सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री पुलिस की कार्यप्रणाली से काफी असंतुष्ट नजर आए। एडिशनल एसपी से कहा कि मेरे पास एक-एक लिस्ट है आपके थानों की। कहां-कहां पैसा लेते हैं और कहां-कहां अवैध दारू-गांजा बिकता है और कौन बेचता है? आप बंद कराएंगे या मैं कराऊं। इसके साथ ही तीन साल से जमे लोगों को हटाने के निर्देश दिए और थानों में पदस्थापना संबंधी पूरी जानकारी तलब की।

बनारस उज्जैन की तरह होगा चित्रकूट का विकास

प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहां चित्रकूट विकास के लिए यहां 15- 20 करोड़ मांग रहा था। लेकिन अब ऊपर से ला रहा हूं ढाई सौ करोड़। बनारस उज्जैन की तरह चित्रकूट का होगा विकास।

चाय ठंडी हो गई नहीं पहुंचे ईई

सतना की खस्ताहाल सड़कों के मामले में सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री काफी नाराज दिखे। उन्होंने यहां मौजूद अधिकारियों से कहा कि यहां की सड़के काफी खराब हैं और इसकी काफी शिकायतें हैं। इसी दौरान चाय आई तो प्रभारी मंत्री ने यह कहते हुए पीने से मना कर दिया कि चाय तो तब पिएंगे जब ईई लोनिवि आएंगे। इस दौरान अन्य चर्चा चलती रही। चाय रखे-रखे ठंडी हो गई तब तक ईई नहीं पहुंचे। इसके बाद मंत्री के लिये दूसरी चाय बनाई गई।