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प्रशासनिक लापरवाही में 8 साल से अटकी 5 किमी. लंबी सड़क, बारिश के कारण 10 गांवों के रहवासी घरों में कैद

बठिया-करसरा मार्ग: तत्कालीन विधायक के प्रयास से मंजूर हुए थे ढाई करोड़ रुपए, 85 लाख का काम कर छोड़ा

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Maihar bathiya karsara road news in hindi

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सतना। मैहर तहसील क्षेत्र की बठिया-करसरा-बरेठी सड़क वर्षों बाद भी दुरुस्त नहीं की जा सकी। जबकि, करीब 9 साल पहले शासन स्तर से इसके लिए करीब ढाई करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। निर्माण एजेंसी ने उस समय करीब 85 लाख रुपए का काम भी करा दिया, लेकिन बाद में भू-अर्जन का पेंच फंसाकर काम रोक दिया गया।

तब से आज तक किसी ने इस सड़क की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया। जबकि, बठिया व करसरा सहित क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांव की आबादी इससे रोजाना हिचकोले खाते हुए गुजरती है। प्रशासनिक अफसरों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मार्ग को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं। उनके रवैये को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है।

ये है मामला
उल्लेखनीय है, तत्कालीन भाजपा विधायक मोतीलाल तिवारी ने उक्त सड़क मार्ग के लिए प्रयास किया था। इसके बाद नंवबर-2010 में विधानसभा अनुपूरक बजट के जरिए शासन ने इसके लिए 2.45 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था। इससे 4 किलोमीटर 550 मीटर सड़क के लिए 25 लाख रुपए में भूमि अधिग्रहीत की गई। लेकिन 450 मीटर सड़क के लिए भू-अर्जन को लेकर अफसरों ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसकी फाइल करीब दो साल तक कार्यालय में ही अटकाकर रखे रहे। इससे बाद में बजट भी लेप्स हो गया। तर्क दिया गया कि इसके लिए पूरी प्रक्रिया नए सिरे शुरू करनी होगी। इधर, भू-अर्जन न हो पाने के कारण ठेकेदार को भी अधूरा काम छोडऩा पड़ा। उसने भी करीब 85 लाख रुपए का काम कराया था।

दोबारा शुरू हुए प्रयास, 9 माह बाद भी नहीं जमा कराई राशि
अब उक्त मार्ग के एक बार फिर से प्रयास शुरू किए गए हैं। इसके 450 मीटर के हिस्से के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रस्तावित की गई है। इसके लिए भू-अर्जन शाखा ने पीडब्ल्यूडी इइ से 5.26 रुपए की मांग की है, लेकिन 9 महीने का समय गुजर जाने के बाद भी यह राशि भू-अर्जन शाखा के खाते में जमा नहीं किए गए हैं। इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी के इइ से बात की गई तो उनका कहना है कि खाते में 1 करोड़ 36 लाख रुपए हैं, लेकिन मुख्य सचिव के आदेश पर ही यह राशि जमा की जा सकती है।

राजस्व अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय जानकारों की मानें तो बठिया-करसरा को जाने वाली यह सड़क पुस्तैनी है। बहुत पहले से ही लोग इसका उपयोग आवागमन के लिए करते थे, लेकिन राजस्व अमले ने सन् 2002 बठिया की आराजी नंबर 45 व 302 एवं करसरा की आराजी नंबर 3, 46 व 47 की जमीन भूमिहीनों को आवंटित कर दी थी। जबकि, इससे सड़क गुजरी हुई थी तो इसे छोड़कर आवंटित करना चाहिए था।

परेशान हो रहे इन गांवों के लोग
उक्त सड़क न बन पाने से बठिया, करसरा व बरेठी के अलावा गोबरी, आमाटोला, श्रीनगर, कासां, भटिगवां, बरा, गड़ौली सहित अन्य गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैै।