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मैहर नवरात्र मेला: प्रथम दिन मां शारदे के दिव्य दर्शन एवं महाआरती में एक लाख भक्तों ने लगाई हाजरी

मैहर नवरात्र मेला: प्रथम दिन मां शारदे के दिव्य दर्शन एवं महाआरती

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maihar Divine Darshan and Maha Aarti of Mother Sharde on the first day

maihar Divine Darshan and Maha Aarti of Mother Sharde on the first day

सतना। शारदेय नवरात्र में जहां मैहर वाली मां शारदा का मंदिर परिसर भक्तों के जयकारों से गूंजायमान हो रही है। वहीं पहाड़ा वाली माई की कई दंत्रकथाएं में भी सामने आ रही है। कहते हैं मां हमेशा ऊंचे स्थानों पर विराजमान होती हैं। सतना जिले के मैहर नगर से 5 किमी. दूर पर 600 फीट ऊंचाई पर स्थित त्रिकूट पर्वत को मैहर देवी का मंदिर कहा जाता है।

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पर्वत पर विराजमान मां शारदा देवी धाम में रविवार की भोर करीब 3 बजे नवरात्रि के प्रथम दिन के दिव्य दर्शन एवं महा आरती के साथ मेले का आगाज हुआ। पहले ही दिन करीब एक लाख से ज्यादा भक्त माता के दर पर हाजरी लगाने के लिए पहुंच गए है।

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मां के दर्शन कब-कब
- 03 बजे तड़के पहला दर्शन
- 02 बजे दोपहर अल्प विश्राम
- 09 बजे रात बंद होगा पट

ये हैं नवदुर्गाएं
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कुष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्दिदात्री

दशमहाविद्याएं
- काली
- तारा
- छिन्नमस्ता
- षोडशी
- भुवनेश्वरी
- त्रिपुरभैरवी
- धूमावती
- बगलामुखी
- मातंगी
- कमला

घट स्थापन के शुभ मुहूर्त
- प्रात: 5.56 से 7.20 तक द्वी स्वभाव लग्न कन्या
- प्रात: 8.55 से 10.25 तक लाभ नामक चौघडिय़ा
- प्रात: 10.25 से 11.55 तक अमृत नामक चौघडिय़ा
- मध्याह्न 11.30 से लेकर 12.19 तक अमृत चौघडिय़ा
- दोपहर 1.25 से 2.55 तक- शुभ चौघडिय़ा

नवरात्र की तिथियां
- 29 सितंबर, प्रतिपदा - पहला दिन। घट या कलश स्थापना। इस दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी।
- 30 सितंबर, द्वितीया - दूसरा दिन। इस दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।
- 1 अक्टूबर, तृतीया - तीसरा दिन। इस दिन दुर्गा जी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाएगी।
- 2 अक्टूबर, चतुर्थी - चौथा दिन। माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा-अर्चना होगी।
- 3 अक्टूबर, पंचमी - पांचवां दिन। इस दिन मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है।
- 4 अक्टूबर, षष्ठी- छठा दिन, इस दिन माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।
- 5 अक्टूबर, सप्तमी- सातवां दिन, इस दिन माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की आराधना की जाती है।
- 6 अक्टूबर, अष्टमी - आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी, नवमी पूजन। इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।
- 7 अक्टूबर, नवमी - नौवां दिन। नवमी हवन, नवरात्रि पारण।
- 8 अक्टूबर, दशमी। विधि विधान से माता का विसर्जन। इस दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाएगा।