
Transfer of Patwaris in Satna- patrika
Patwari- एमपी में इन दिनों तबादलों का दौर चल रहा है। इसी तारतम्य में पटवारियों के स्थानांतरण भी होने हैं जिसमें नेताओं और अधिकारियों का सख्त रुख नजर आ रहा है। सतना में तो सालों से जमे विवादित चेहरों को हटाने के प्रभारी मंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं। बताया जा रहा है कि पटवारियों के तबादले में नई नीति का पालन किया जाएगा, अब हल्का नहीं बल्कि तहसील देखकर पदस्थापना की जाएगी।
जिलास्तरीय तबादलों में सतना में सबसे बड़ी खुरपेंच अभी भी पटवारियों के तबादलों की फंसी हुई है। प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद जिला प्रशासन को यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्षों से जमे विवादित पटवारियों को हटाया जाए। लिहाजा अब जिला प्रशासन इस कवायद में जुट गया है। ऐसे लोगों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। एक स्थान पर जमे होने का पैमाना तहसील को माना गया है।
इस बीच कुछ विवादित चेहरे अब जनप्रतिनिधियों की ड्यौढ़ी पर चक्कर लगा कर खुद को बचाने सिफारिशी पत्र लिखवाने में जुट गए हैं जो प्रभारी मंत्री को संबोधित हैं। इसमें दो चेहरे तो ऐसे हैं जो लगभग हर जनप्रतिनिधि की ड्यौढ़ी पर चक्कर लगा चुके हैं।
विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज हो चुके वाक्य ’सतना के पटवारी सब पर भारी, प्रमुख सचिव और कलेक्टर का तबादला सहज है लेकिन सतना के पटवारियों का नहीं’ इस बार भी जमीनी स्तर पर नजर आ रहा है। पटवारियों की तबादला सूची बनाने में जिला प्रशासन को पसीना आ रहा है। एक ओर परेशान हो चुकी जनता की शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है तो पटवारियों के जमीन कारोबार में शामिल होने के कई पुख्ता प्रमाण भी हैं।
ऐसे माहौल में कुछ माननीयों के सिफारिशी पत्र हैं जो इन पटवारियों को हटाने में आड़े आ रहे हैं। ऐसे में अब विवादित पटवारियों को हटाने के अपने निर्देश पर प्रभारी मंत्री कितने कायम रहते हैं, यह तो उनकी अनुमोदित सूची के बाद ही सामने आ पाएगा। लेकिन, अपने तबादले की आशंका से घिरे विवादित चेहरे साम-दाम के गणित पर पूरी ताकत लगाए हुए हैं।
इस बीच यह जानकारी भी आई है कि राजस्व अमले के दो चेहरों ने खुद को यथावत रखने पूरी ताकत झोंक रखी है। राजधानी तक से फोन करवाए जा रहे हैं तो कई जनप्रतिनिधियों से अपने पत्र में सिफारिशी पत्र लिखवा रखे हैं। एक तो यह कहते घूम रहे हैं कि अगर तबादला हुआ तो त्यागपत्र दे दूंगा। बहरहाल अब जिला प्रशासन की परीक्षा है कि वे इन तबादलों में क्या निर्णय लेते हैं और जनता को क्या संदेश देते हैं।
लंबे समय से जमे पटवारियों और आरआई के तबादले को लेकर अब इनकी पदस्थापना देखी जा रही है। हालांकि कुछ लोग इस बात पर खुश नजर आ रहे हैं कि हल्कों में उनके ज्यादा साल नहीं हुए हैं। लेकिन प्रशासन हल्के की पदस्थापना को तवज्जो नहीं दे रहा है बल्कि तहसील में पदस्थापना देख रहा है। इस बार तबादले हल्का स्तर पर नहीं बल्कि तहसील स्तर पर होंगे। हल्का स्तर में तबादले नहीं होते हैं बल्कि यह एसडीएम स्तर पर कार्यविभाजन होता है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने पटवारियों की सिफारिश एक हल्के से दूसरे हल्के में करने की भी सिफारिश कर रखी है।
Updated on:
27 May 2025 08:21 pm
Published on:
27 May 2025 08:19 pm
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