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इस विधानसभा सीट से जीतकर एक प्रत्याशी बन गया था मुख्यमंत्री

रामपुर में दूसरी बार विक्रम पर दाव, अमरपाटन में मंत्री का टिकट फंसा, अब तक सतना जिले की तीन सीटों पर और मैहर जिले की एक सीट पर प्रत्याशी घोषित

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सतना

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Manish Geete

Oct 10, 2023

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प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की चौथी सूची में सतना जिले के लिए कुछ उलटफेर तो नहीं है, लेकिन अमरपाटन सीट के लिए कयासबाजी की गुंजाइश पार्टी ने जरूर छोड़ दी है। यह सीट अब भी भाजपा के नाम ही है और इस पर रामखेलावन पटेल का प्रतिनिधित्व है, जो प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री के पद पर हैं। इस सीट पर टिकट होल्ड कर पार्टी ने रामखेलावन की सांसें अटका दी हैं। पर विक्रम सिंह के लिए यह सूची सकारात्मक संदेश लेकर आई।

रामपुर बाघेलान की परंपरागत पारिवारिक सीट पर 2018 में काबिज हुए विक्रम सिंह को पार्टी ने इस बार भी सीट बरकरार रखने लायक माना है। इसीलिए उनका टिकट घोषित करने में पार्टी को किसी तरह की हिचक नहीं हुई। पारिवारिक प्रभुत्व और खुद की मजबूती के साथ ही यह परिदृश्य भी उनके पक्ष में रहा कि इस सीट क्षेत्र में दूर-दूर तक पार्टी में उनका कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है। सिंह परिवार की परंपरागत सीट, कांग्रेस से शुरू होकर भाजपा की झोली में आई रामपुर बाघेलान विधानसभा सीट पर विक्रम सिंह के परिवार का तीन पीढ़ी से कब्जा है।

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सीट पर कब्जे की शुरुआत गोविंदनारायण सिंह ने कांग्रेस विधायक के रूप में की थी। वे तीन बार कांग्रेस के विधायक चुने गए। इस बीच एक बार पार्टी छोड़कर वे संयुक्त विधायक दल में शामिल हुए, तब मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित किया। उनके बाद उनके पुत्र हर्ष नारायण सिंह ने भी इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए। इसके साथ ही सीट का मिजाज कांग्रेस से बदलकर भाजपामय हो गया। हर्षनारायण यहां से चार बार विधायक रहे। 2018 के चुनाव में हर्ष के अस्वस्थ होने पर भाजपा ने उनके पुत्र विक्रम सिंह को टिकट दिया। विक्रम सिंह ने जीत दर्ज कर ली। इस बार वे फिर ताल ठोकने के लिए तैयार हैं।


प्लस: क्षेत्र की जनता के बीच वर्तमान विधायक की लोकप्रियता बरकरार। विधानसभा में टिकट को लेकर अंतर्कलह नहीं। क्षेत्र में पार्टी के साथ विधायक परिवार का अपना वोट बैंक भी है।

माइनस: क्षेत्र के मतदाताओं में सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी भाजपा प्रत्याशी पर भारी पड़ सकती है। बदलते जातीय समीकरण भी प्रभाव डाल सकते हैं।

भाजपा ने चार पर पत्ता खोला

मैहर की दो और सतना की पांच कुल सात सीटों में से भाजपा 4 पर अपना पत्ता खोल चुकी है। बसपा जिले की दो सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। कांग्रेस ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा की शुरुआत नहीं की है।