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MP election 2018: ‘वोटकटवा’ उम्मीदवारों ने उड़ाई भाजपा-कांग्रेस की नींद, जानिए इन 7 विधानसभाओं का सियासी समीकरण

MP election 2018: 'वोटकटवा' उम्मीदवारों ने उड़ाई भाजपा-कांग्रेस की नींद, जानिए इन सात विधानसभाओं का सियासी समीकरण

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MP election 2018: votkatva umidwar in hindi

MP election 2018: votkatva umidwar in hindi

सतना। विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है जिले में चुनावी गतिविधि उसी गति से तेज होती जा रही है। पार्टी-प्रत्याशी एवं पदाधिकारी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं। चुनावी पंडितों के अनुसार, मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और बसपा के बीच ही माना जा रहा। लेकिन, मैदान में उतरे वोटकटवा उम्मीदवारों ने दोनों ही पार्टियों की नींद उड़ा रखी है। मतदान में 8 दिन और बचे हैं पर चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं। पार्टियों के अंदर भितरघात एवं बागी प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने से जिले की सातों सीटों पर कहीं तीन तो कहीं चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

रैगांव विधानसभा
एससीएसटी के लिए आरक्षित इस सीट पर 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला वर्तमान विधायक व बसपा उम्मीदवार ऊषा चौधरी, कांग्रेेस की कल्पना वर्मा और भाजपा के जुगुल किशोर बागरी के बीच ही माना जा रहा। जातीय फैक्टर न होने से चुनाव में तीनों ही प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार फाइट कर रहे हैं। सपाक्स से चुनाव लड़ रहीं बिमला बागरी ने मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है तो बिरसिंहपुर क्षेत्र की सवित्री गुर्जर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाती नजर आ रही हैं।

मैहर विधानसभा
इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकबाला है। दोनों पार्टियों ने सजातीय उम्मीदवार उतार कर मतदाताओं को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। कांग्रेस से बगाबत कर गोंगपा से चुनाव लड़ रहे मनीष पटेल ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। वहीं बसपा प्रत्याशी भी सेंध लगाने की फिराक में हैं।

चित्रकूट
यहां भाजपा-कांग्रेस और बसपा में मुकाबला है। पार्टियों में प्रत्याशी चयन को लेकर उपजे आक्रोश के कारण भितरघात की स्थिति बनी हुई है। इससे चुनावी रण में भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवार मुश्किल में हैं। बसपा गुपचुप तरीके से पार्टी के परंपरागत वोट बैंक को साधने में जुटी है। सामन्य वर्ग का समर्थन भी उसे मिल रहा है।

सतना
जिला मुख्यालय की सीट होने के कारण इस सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दावं पर है। शंकरलाल तिवारी लगातार चौथी बार पार्टी की टिकट पर मैदान में हैं। उधर, कांग्रेस ने युवा उम्मीदवार को उतारा है। भाजपा से बगावत कर सपाक्स से चुनाव लड़ रहे रामोराम गुप्ता पार्टी के परम्परागत वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में हैं। बसपा प्रत्याशी भी विकास के नाम पर मजबूती के साथ मैदान में डटे हैं। ऐसे में मुकाबला चतुष्कोणीय बना है।

रामपुर बाघेलान
यहां बसपा वर्ग विशेष का उम्मीदवार उतार कर मजबूती से साथ मैदान में खड़ी है। मुख्य मुकाबला बसपा के रामलखन और भाजपा के युवा प्रत्याशी विक्रम सिंह के बीच है। लेकिन कांग्रेस के रामशंकर पयासी भी मुकाबले में डटे हैं।

अमरपाटन
भाजपा ने रामखेलावन पर दावं लगाया तो कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा। दोनों में टक्कर है। जबकि बसपा के छंगेलाल कोल समीकरण बिगडऩे में जुटे हैं।

नागौद
कांग्रेस के वर्तमान विधायक यादवेन्द्र सिंह और खजुराहो सांसद भाजपा के नागेन्द्र सिंह के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है। लेकिन भाजपा से बगाबत कर मैदान में उतरीं रश्मि सिंह भी दोनों पार्टियों की मुश्किल बढ़ाए हुए हैं। बसपा प्रत्याशी रामबिहारी कुशवाहा सजातीय वोट बटोरने में कामयाब रहे बहुतों का समीकरण बिगड़ सकता है।