
highcourt
सतना। मप्र हाईकोर्ट ने सतना जिले के रामपुर बघेलान निवासी पर न्यायालय का समय बर्बाद करने के लिए एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्यमंत्री हर्ष सिंह के पुत्र व रामपुर बघेलान नगर परिषद अध्यक्ष विक्रम सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि उद्दंड याचिकाकर्ता ने एक बार कॉस्ट लगाने और चेतावनी देने के बावजूद एक ही विषय पर दोबारा याचिका दायर की, यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
रामपुर बघेलान के वार्ड-15 निवासी राजू कचेर ने यह जनहित याचिका दायर की थी, इसमें कहा गया था कि व्रिकम सिंह ने रामपुर बघेलान नगर परिषद का अध्यक्ष रहते हुए मां व राज्यमंत्री हर्ष सिंह की पत्नी मधुसिंह से बस स्टैंड विस्तार के लिए 20 जुलाई 2016 को सेल डीड के जरिए 1.7 एकड़ जमीन खरीदी। यह जमीन 11 हजार रुपए वर्ग मीटर के हिसाब से क्रय की गई।
सुनवाई के पहले टोका
बुधवार को याचिका की सुनवाई शुरू करने के पूर्व ही बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील को याचिका वापस लेने के लिए कहा। कोर्ट ने चेताया कि एेसा न होने पर तगड़ी कॉस्ट लगाई जाएगी, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने यह कहते हुए याचिका वापस लेने से इनकार कर दिया कि उनके पक्षकार से उन्हें याचिका वापस न लेने के निर्देश हैं।
पहले लगाई थी पांच हजार रुपए कॉस्ट
कोर्ट के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि इसी मांग को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका को एकलपीठ 24 जुलाई को खारिज कर चुकी है। एकलपीठ ने यह कहते हुए याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपए कॉस्ट भी लगाई थी कि इससे याचिकाकर्ता के किसी व्यक्तिगत या संवैधानिक अधिकार का हनन नहीं होता। 6 सितम्बर को कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा माफी मांगने और गरीबी का हवाला देने पर कॉस्ट घटा कर 5000 रुपए कर दी थी, साथ ही चेतावनी भी दी थी कि इस सम्बंध में दोबारा याचिका न दायर की जाए।
Published on:
21 Dec 2017 11:38 am
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
