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सतना

BJP सरकार की जय हो: पिछड़ा वर्ग महाकुंभ के लिए RTO ने मांगी 400 बसें, ऑपरेटरों ने देने से किया इनकार

महाकुंभ पर महाभारत: जिला बस ऑनर्स एसो. का निर्णय, प्रशासन की फूली सांस

सतनाSep 16, 2018 / 12:47 pm

suresh mishra

spaicial bus service for Prayagraj Kumbh snan and shahi snan

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सतना। 18 सितंबर को जिला मुख्यालय स्थित हवाई पट्टी में आयोजित पिछड़ा वर्ग महाकुंभ सम्मेलन में हितग्राहियों को लाने के लिए प्रशासन ने आरटीओ को 400 बसें अधिग्रहीत करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, बस ऑपरेटरों ने सम्मेलन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के लिए बस देने से इंकार कर दिया है।
बस ऑपरेटरों ने यह फैसला शुक्रवार की शाम जिला बस ऑनर्स एसोसिएशन सतना की बैठक में सर्वसम्मति से लिया। एसो. के इस निर्णय से जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। शनिवार को आरटीओ संजय श्रीवास्तव बस ऑपरेटरों को मनाने के लिए दिनभर एसो. के पदाधिकारियों के संपर्क में रहे पर शाम तक बात नहीं बनी।
एसडीएम की बैठक का बहिष्कार
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए बस एसोसिएशन की ओर से बसें न देने के निर्णय से प्रशासन परेशान है। शनिवार को एसडीएम ने बस एसोसिएशन को पत्र जारी कर अधिग्रहण पर चर्चा के लिए दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट में बस ऑपरेटरों की बैठक बुलाई थी, पर कोई बस संचालक नहीं पहुंचा।
इसलिए नहीं देंगे बस
बस ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री के आयोजन के लिए बसें न देने के जो कारण प्रशासन को गिनाए हैं उसमें सरकार द्वारा जातिगत राजनीति करना, डीजल एवं पेट्रोल की कीमत में वृद्धि होने के बाद भी बस किराया न बढ़ाना, सतना शहर एवं जिले की तमाम प्रमुख सड़कों का जर्जर होना शामिल हैं। एक प्रमुख कारण सरकार द्वारा रैली में भेजी जाने वाली बसों के किराए का भुगतान न करना बताया गया है।
अग्रिम भुगतान का ऑफर ठुकराया
सूत्रों ने बताया, बस ऑपरेटरों ने यह कहते हुए बस देने से इंकार कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री की पूर्व की रैलियों का भुगतान आज तक नहीं मिला। इस पर आरटीओ ने कहा कि महाकुंभ सम्मेलन के लिए बस देने वाले ऑपरेटरों को अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की गई है पर ऑपरेटरों ने आरटीओ का यह ऑफर ठुकरा दिया। कहा, सरकार जातिगत राजनीति कर रही है और बस आपरेटरों की मांगे नहीं मानती, इसलिए बस न देने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। ऐसे में बस देना संभव नहीं है।
आयोजन में भीड़ जुटाने की चिंता
बस ऑनर्स एसोसिएशन सतना के निर्णय का सपोर्ट करते हुए रीवा, सीधी, पन्ना कटनी सहित प्रदेश के दूसरे जिलों के बस ऑपरेटरों ने भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए बसें देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। एेसे में जिला प्रशासन एवं भाजपा पदाधिकारियों के सामने महाकुंभ में भीड़ जुटाने की समस्या खड़ी हो गई है। ऑपरेटरों के निर्णय से दबाव में आया प्रशासन जबरन बसों का अधिग्रहण कराने की तैयारी में है। उधर, ऑपरेटरों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जबरन बसें उठाई तो शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे।
5 हजार दो, होर्डिंग में छपवाओ फोटो
पिछड़ा वर्ग महाकुंभ के लिए शहर सहित जिले भर में होर्डिंग लगाने का जिम्मा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ष्ठ को भी दिया गया है। उसके हिस्से 50 होर्डिंग दी गई है। लेकिन इस होर्डिंग को लेकर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने नया फार्मूला निकाला है। वे सभी से होर्डिंग में फोटो के लिए 5000 रुपए की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि न तो पार्टी कोई मदद कर रही है और न ही कोई नेता इसमें मदद कर रहा है। इसलिए जिसे भी फोटो लगाना है उसे 5 हजार तो देना होगा। प्रदेश पदाधिकारी के लिए यह दर 10 हजार रुपये रखी गई है। इस मांग को लेकर काफी संख्या में जिला पदाधिकारी नाराज दिख रहे हैं।
18 सितंबर को आयोजित राज्यस्तरीय पिछड़ा वर्ग महाकुंभ के लिए प्रशासन ने 400 बसें मांगी थीं। बस ऑपरेटरों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर बस न देने का निर्णय लिया है। ऑपरेटरों का मत है कि मुख्यमंत्री द्वारा यह आयोजन जाति विशेष के लोगों के लिए किया जा रहा है। इससे प्रदेश की आम जनता का कोई सरोकार नहीं। निर्णय सभी बस ऑपरेटरों का है। एसो. कुछ नहीं कर सकता।
कमलेश गौतम, अध्यक्ष, जिला बस आनर्स एसो. सतना
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