
Process started for declaring Sarbhanga area as forest sanctuary
सतना. वन मंडल के वन परिक्षेत्र मझगवां अंतर्गत सरभंगा क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने की दिशा में राजधानी में कवायद शुरू हो गई है। दिसंबर 2021 से प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्य प्राणी) कार्यालय भोपाल में जिले से भेजा गया प्रस्ताव अभी तक धूल खा रहा था। लेकिन जिस तरीके से सिद्धा क्षेत्र में टाइगरों की आमद रफ्त बढ़ी है और शिकार की स्थितियां बनने लगी है इसको लेकर अब मुख्य वन प्राणी अभिरक्षक के भी कान खड़े हुए हैं। क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने के लिये आवश्यक कार्यवाही के लिए उन्होंने वन मण्डलाधिकारी सतना को पत्र लिखा है।
शासन को जाएगा प्रस्ताव
मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक मध्यप्रदेश जसबीर सिंह चौहान ने कहा है कि सतना जिले से दिसंबर 2021 में भेजे गए प्रस्ताव को सहमति सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( कार्य-आयोजना एवं वन भू-अभिलेख) को भेजा गया है। उन्हें इस प्रस्ताव पर अभिमत अंकित कर शासन को भेजने के लिये भी कहा गया है। उल्लेखनीय है सरभंगा क्षेत्र में बाघिन पी-213(22) की मूवमेंट एवं स्थाई रहवास स्थल बनाने पर इस क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने का प्रस्ताव डीएफओ ने भेजा था। इसमें 14 ग्राम सभाओँ की सहमति भी शामिल की गई थी।
अब मांगी गई कई सहमतियां
मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक ने डीएफओ सतना से पूर्व के प्रस्ताव पर जिला पंचायत, जिला योजना समिति, स्थानीय सांसद एवं स्थानीय विधायक की सहमति का पत्र भी भेजने को कहा है।
महापौर सीएम को दे चुके हैं पत्र
इस मामले में महापौर सतना योगेश ताम्रकार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सरभंगा क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने का पत्र सौंप चुके हैं। सीएम को यह भी बताया है कि अब इस क्षेत्र में एक दर्जन के लगभग बाघ मौजूद हैं जिनकी सुरक्षा के लिये अभयराण्य घोषित करना जरूरी है।
सांसद कर चुके हैं घोषणा, विधायक भी सक्रिय
सांसद गणेश सिंह सरभंगा क्षेत्र को अभयारण्य घोषित कराने को लेकर सिद्धा में आयोजित कार्यक्रम में घोषणा भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इस क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करवाने वे व्यक्तिगत रूप से पहल करेंगे। इससे न केवल इस क्षेत्र के बाघों का रहवास सुरक्षित होगा बल्कि पर्यटक गतिविधियां बढ़ने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। स्थानीय जनों ने भी इस दौरान इस क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने की मांग की थी। उधर चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी भी राज्य शासन को इस संबंध में पत्र लिख कर क्षेत्र को अभयारण्य बनाने की बात कह चुके हैं।
Published on:
21 Oct 2022 09:56 am
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