
Production of 50,000 tons of illegal ballast daily in Satna border
सतना. आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि सतना और रीवा जिले के सीमाई इलाके में प्रदेश का सबसे बड़ा अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा है। यहां 5 दर्जन से ज्यादा की संख्या में अवैध रूप से संचालित क्रशरों में प्रतिदिन 50 हजार टन गिट्टी का अवैध उत्पादन हो रहा। सीमेंट कंपनी को स्वीकृत लीज एरिया में दबंग प्रशासनिक व्यवस्था को धराशायी करते हुए बेखौफ पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं। हालात यह हैं कि यहां प्रशासन नाम की व्यवस्था ही नहीं है और एक समानान्तर सत्ता संचालित हो रही है। जो स्थिति है उससे यहां पुलिस भी प्रभावहीन नजर आ रही है। यह खुलासा शिकायत पर जांच करने पहुंची विभागीय परामर्शदात्री समिति के सदस्यों के औचक निरीक्षण में हुआ। समिति में रामपुर विधायक विक्रम सिंह और मउगंज विधायक प्रदीप पटेल मौजूद रहे। इनके साथ नोडल अधिकारी क्षेत्रीय प्रमुख भौमिकी एवं खनिकर्म एसएम पाण्डेय, जिला खनिज अधिकारी सतना दीपमाला तिवारी और जिला खनिज अधिकारी रीवा मौजूद रहे।
यूपी जा रही गिट्टी
निरीक्षण में मिला कि सतना और रीवा जिले के सीमाई इलाके बेला, बैजनाथ और कोठार इलाके में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन और क्रेशर का अवैध संचालन हो रहा है। यहां लगभग 60 की संख्या में क्रेशर संचालित है। सभी क्रेशर अल्ट्राटेक सीमेंट को आवंटित लीज एरिया में बिना अनुमति के चल रहे है। इनकी क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक-एक परिसर में 500 टीपीएच (टन प्रति घंटे) के क्रशर लगे हुए हैं। हद तो यह रही कि किसी भी क्रेशर को अनुमति नहीं है लेकिन सभी बेखौफ गिट्टी का अवैध उत्पादन लगातार कर रहे हैं। यहां से गिट्टी पूरी तरह से उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है। इसके लिए सीमेंट कंपनी की लीज एरिया में अवैध खनन किया जा रहा है। समिति ने पाया कि 90 फीसदी क्रेशर का अवैध रूप से संचालन हो रहा है और यहा कानून का कोई राज नहीं है। खनन माफिया का यहां पूरा राज चलता है।
दिनदहाड़े अवैध ब्लॉस्टिंग
समिति के सामने ही खनन कारोबारी दिनदहाड़े अवैध ब्लास्टिंग असुरक्षित तरीके से करते रहे। सवाल यह उठ रहा कि इन्हें ब्लास्टिंग का सामान कहां से मिल रहा। दूसरा इस तरह से अवैध खनन और क्रेशर संचालन में पुलिस, खनिज विभाग और राजस्व विभाग चुप्पी क्यों साधे हुए है। यहां बताया गया कि पुलिस भी सहज हस्तक्षेप नहीं करती है। बल्कि अवैध कमाई का मोटा हिस्सा अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाता है। समिति ने जिला खनिज अधिकारियों से यहां व्यापक पैमाने पर कार्रवाई करते हुए अवैध खनन बंद कराने सहित सभी क्रेशर बंद कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश का सबसे बड़ा अवैध गिट्टी उत्पादन
बताया गया कि यहां जिस तरीके से पत्थर का अवैध खनन और क्रेशर संचालन हो रहा है उसमें प्रदेश का सबसे बड़ा अवैध गिट्टी उत्पादन यहां हो रहा है और शासन को करोड़ो रुपये की राजस्व हानि हो रही है। खनिज माफिया की ताकत इतनी बढ़ गयी है कि जिला प्रशासन तक यहां अपनी धमक नहीं बना पा रहा है।
बिरला फैक्ट्री की खदानें देखी
समिति ने बिरला फैक्ट्री पहुंच कर यहां के प्रोडेक्शन और सीएसआर मद की जानकारी ली। यहां की खदानों का जायजा लिया। इसके बाद मैहर सीमेंट और केजेएस सीमेंट का भी खदान क्षेत्र देखा। समिति ने माना कि यहां भी सबकुछ ठीक नहीं है। निरीक्षण के लिए समयाभाव की बात भी सामने आई। बताया गया है कि समिति के 4 सदस्य विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी, नारायण सिंह पट्टा, संजय शाह और महेश परमार इस दौरे में शामिल नहीं हो सके थे।
Updated on:
18 Nov 2019 12:51 am
Published on:
18 Nov 2019 12:50 am
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