
सतना। इंदौर हाईकोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर सरमन शिवहरे को लूट के लिए इंदौर के एक ज्वेलरी एजेंट की गोली मारकर हत्या के मामले में बरी कर दिया है। सबूतों के अभाव में अभियोजन पक्ष आरोपी सरमन शिवहरे को अपराधी साबित करने में असफल साबित हुआ। इस मामले में सभी गवाह मुकर गए और मुख्य गवाह होस्टाइल हो गया। हालांकि कोर्ट ने माना है कि आरोपी सरमन का मजबूत आपराधिक इतिहास है, लेकिन इस केस में दोषसिद्धि के मामले में उसके स्वयं के कथन को छोडक़र आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
प्रकरण के अनुसार लगभग 13 साल पहले इंदौर में 5 फरवरी 2010 में एक ज्वेलरी एजेंट कुलदीप पिता नरेन्द्र जैन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को डायमंड कॉलोनी (जंजीरवाला चौराहा के पास) में दिन दहाड़े अंजाम दिया गया था। सूचना पर पुलिस ने प्रकरण कायम कर जांच शुरू कर दी थी और कई लोगों के बयान बतौर गवाह लिये गए थे। बाद में इंदौर पुलिस को यह जानकारी मिली कि इस घटना का आरोपी सरमन शिवहरे है जिसे सतना पुलिस ने एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सरमन ने हत्या करना स्वीकार किया था और लूट की ज्वेलरी को विजय नगर बस डिपो में खड़ी पुरानी बस में सीट के नीचे रखना बताया। इस निशानदेही पर पुलिस ने लूटा गया बैग जब्त किया था। पुलिस ने आरोपी द्वारा प्रयुक्त गन जो सतना पुलिस ने जब्त की थी और एक बाइक भी जब्त की। इस प्रकरण में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इंदौर ने आरोपी सरमन को लूट में दस साल और हत्या में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ आरोपी की ओर से क्रिमिनल अपील हाई कोर्ट में दायर की गई।
हाईकोर्ट में मुकर गए गवाह
इस मामले में पुलिस ने जो तीन गवाह प्रस्तुत किए थे उनमें एक ने बताया कि उसके द्वारा मृतक को असली ज्वेलरी दी गई थी जिसकी कीमत लगभग एक से डेढ़ लाख रुपए थी। लेकिन पुलिस द्वारा बरामद बैग में नकली ज्वेलरी पाई गई थी जिसकी कीमत लगभग 300 रुपए है। इसके अलावा एक अन्य गवाह होस्टाइल घोषित कर दिया गया था। गवाह ने यह भी कहा था कि पत्नी के निर्देश पर अब वह कोर्ट में कोई पक्ष नहीं रखना चाहता है। हालांकि सरकारी वकील ने आरोपी सरमन शिवहरे को कुख्यात अपराधी बताया जिस पर लूट और हत्या के अलग-अलग 23 आपराधिक मामले दर्ज है जिसमें लूट के इरादे से दस हत्याएं करना उसने स्वयं स्वीकार किया है।
कोर्ट ने किया बरी
सभी पक्षों के बयानों को सुनने और उनके सूक्क्ष्म परिशीलन के बाद जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस अनिल वर्मा की डिवीजन बेंच ने उसे बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि यह सही है कि आरोपी का मजबूत आपराधिक इतिहास है, लेकिन जहां तक इस केस में दोषसिद्धि की बात है, उसके स्वयं के कथन को छोडक़र आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा है।
दो दिन में तीन उम्रकैद हुई थी
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में आरोपी सरमन को ज्वेलरी एजेंट की उक्त हत्या के अतिरिक्त इंदौर में ही डॉ. वर्षा वर्मा और उनके सहायक राम की हत्या में दोषी पाए जाने पर दो अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये तीन सजाएं मात्र दो दिन के अंतराल में हुई थीं। उसे ग्वालियर में भी उम्रकैद हो चुकी है। कई केस और चल रहे हैं, जिनका फैसला बाकी है।
सतना में पकड़ा गया था सीरियल किलर
सीरियल किलर सरमन शिवहरे सतना में पकड़ा गया था। सतना मुख्त्यारगंज में एक ज्वेलरी की दुकान में लूट के इरादे से पहुंचा था। सुबह ज्वेलर जब अपनी पत्नी के साथ दुकान पहुंचा तो सरमन ने उनपर फायरिंग कर दी। ज्वेलर की पत्नी को गोली लग गई। पत्नी को घायल देख राम दत्त सोनी ने हमलावर सरमन को पकड़ने दौड़ा। इस दौरान उस पर भी सरमन ने फायर किया। इस पर सोनी को भी गोली लग गई। लेकिन उसन सरमन को नहीं छोडा। इस दौरान आसपास के लोग भी पहुंच गए और आरोपी को पकड़ कर बांध दिया। इसके बाद पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपने तमाम अपराधों का खुलासा किया। जिसे सुन पुलिस भी दंग रह गई थी। इसके बाद प्रदेश के तमाम अनसुलझे केसों का खुलासा हुआ था।
बनना चाहता था इंजीनियर
इंजीनियर बनने की चाह रखने वाला युवा सरमन के जुर्म की दुनिया में बेताज बादशाह का ख्वाब देखने की शुरुआत मंदिर में सिक्के चोरी करने से हुई थी। मध्य प्रदेश के पन्ना में रहने वाले 35 वर्षीय सरमन ने अपने अपराध की शुरुआत इसी शहर से की थी। उसने एक व्यापारी की पांच लाख रुपए लूटकर हत्या कर दी थी। पुलिस को उस पर कभी शक भी नहीं हुआ, तो उसने यह सोच लिया कि वह भी डॉन की तरह बन सकता है और लोगों के अंदर खौफ पैदा कर सकता है। 22 लोगों की जान लेने वाले इस साइको किलर के क्राइम को लेकर फंडे बिलकुल क्लियर थे। उसका मानना था कि, किसी पर भरोसा मत करो और हमेशा मोबाइल फोन से भी दूरी बनाकर रखो। जब उसे सतना में पकड़ा गया तो उसने पुलिस को कहा था, 'साहब मारिएगा नहीं। जो पूछेंगे बता देंगे। मैं बहुत बड़ा आदमी होने वाला हूं। अभी चुनाव लड़ना है।'
इंजीनियरिंग कॉलेज से ड्रॉप आउट
इंजीनियरिंग कॉलेज से ड्रॉप आउट सरमन ने मार्केटिंग का जॉब शुरू कर दिया था। इसी दौरान पहली बार उसके हाथ एक देशी कट्टा हाथ लगा था। उसने इस हथियार को जांचने के लिए एक महिला की घर में घुसकर हत्या कर दी। इसके बाद उसे लगा कि कोई दैवीय शक्ति उसमें प्रवेश कर गई है।
पहले मारता था गोली..!
सरमन ने कम से कम 22 लोगों की हत्या की। पुलिस ने उसे 2011 में सतना में गिरफ्तार करने में सफल रही। पहले गोली मारकर फिर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले इस साइको किलर की हथियार सबसे बड़ी कमजोरी थी। अच्छा हथियार देखकर वो उसे हर कीमत पर हासिल करने का प्रयास करता था और हथियार के लिए वह किसी की भी हत्या कर सकता था।
बिल्ली के रास्ता काटने पर प्लान कैंसिल
बताते हैं कि एक बार उसने मर्डर प्लान को इसलिए कैंसिल कर दिया, क्योंकि एक बिल्ली उसका रास्ता काटकर चली गई थी। इसी तरह इंदौर में एक दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह आराम से पास के एक रेस्तरां में नाश्ता कर रहा था।
साथी को दी प्यार की सजा
अभी जेल में बंद सरमन ने कुछ समय के लिए एक व्यक्ति को अपना साथी बनाया था। लेकिन उसे किसी युवती से प्रेम हो गया. सरमन को यह बात इतनी नागवार गुजरी कि, उसने उसकी भी हत्या कर दी थी।
तीसरे केस में आजीवन कारावास की सजा
सतना और पन्ना मे हत्या के दो अलग-अलग मामलों में अदालतों द्वारा हाल में उम्रकैद की दोहरी सजा सुनाए जाने के बाद ग्वालियर की अदालत ने भी एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। ग्वालियर की कोर्ट ने हाईकोर्ट जज के सुरक्षा में लगे हेड कांस्टेबल की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
Published on:
18 Dec 2023 02:24 pm
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