
सतना। सरकार की ओर से जारी आधार वैसे तो हर व्यक्ति की पहचान के लिए विशेष माना जाता है, साथ ही यह हर किसी का अलग अलग भी बनता है जिसमें न केवल व्यक्ति के फिंगर प्रिंट बल्कि उसी आंखों की स्थिति को भी देखा जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर आधार से इनका मिलान किया जा सके। लेकिन मध्यप्रदेश में आधार का एक खास मामला समाने आया है, जहां एक ही नंबर के आधार दो लोगों को दिए गए हैं। इनमें जहां एक पुरुष है तो वहीं इसी नंबर का एक आधार एक महिला का भी है।
दरअसल मध्यप्रदेश के सतना की नागौद तहसील निवासी दो लोगों की एक ही 'पहचान' का मामला सामने आया है। इसमें एक महिला है, दूसरा पुरुष, जिनके आधार नंबर सामान है। मध्यांचल बैंक के अधिकारी महिला - पुरुष का एक ही आधार नंबर देख खुद अचंभित रह गए।
दरअसल, बुधवार की दोपहर नागौद स्थित मध्यांचल बैंक की शाखा में एक महिला अपना आधार कार्ड लेकर खाते से लिंक कराने पहुंची। उसने बताया कि उसे समर्थन मूल्य पर उपज बेचना है। इसका भुगतान आधार लिंक खाते में ही आना है। महिला ने बैंककर्मियों को अपना नाम कुसुमकली कुशवाहा पति स्वामीदीन कुशवाहा निवासी पतवारा बताया।
जब महिला द्वारा बताए गए खाते में उसके आधार कार्ड को बैंककर्मी लिंक करने लगी, तो साॅफ्टवेयर में बताया जाने लगा कि यह आधार कार्ड पहले से लिंक है। इस पर बैंककर्मी ने महिला से पूछा कि आपका तो आधार कार्ड पहले से लिंक बता रहा है। किसी और बैंक में आपने लिंक कराया है। इस पर महिला ने बताया कि उसका किसी अन्य बैंक में खाता ही नहीं है तो आधार कार्ड लिंक कराने का सवाल ही नहीं उठता। दूसरा आज तक खाते में आधार कार्ड लिंक भी नहीं कराया है। इस पर बैंक कर्मी चौंक गए।
पता करने पर चौंकाने वाला मामला सामने आया
यह मामला बैंककर्मियों ने ब्रांच मैनेजर शक्ति मरावी को बताया। इस पर ब्रांच मैनेजर ने इस कार्ड के संबंध में पता किया तो पाया कि यह मध्यांचल बैंक की कचलोहा ब्रांच से लिंक है। वहां से पता किया गया तो सामने आया कि इसी नंबर का आधार कार्ड लिंक तो है लेकिन वह किसी पुरुष का है। यह आधार कार्ड अंकुश बागरी पिता ओंकार बागरी के नाम से है, जो पतवारा निवासी है। यह पता चलते ही बैंक मैनेजर भी भौचक रह गईं। क्योंकि दो लोगों के आधार कार्ड का एक ही नंबर नहीं हो सकता है।
कोई एक कार्ड गलत
मामले में ई-गवर्नेंस सोसायटी के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में दो लोगों के आधार नंबर एक नहीं हो सकते हैं। इसमें से कोई एक आधार कार्ड गलत है। संबंधित पोर्टल में आधार नंबर का पता करने पर जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार यह नंबर पुरुष का बता रहा है।
मामले में सवाल खड़ा हो गया कि क्या कोई फर्जी तरीके से जिले में आधार कार्ड बना रहा है या कोई त्रुटि हुई है। हालांकि सच जांच में ही सामने आएगा। वहीं बैंक की मैनेजर शक्ति मरावी ने यह तो स्वीकार किया कि दो लोगों के एक ही आधार नंबर का मामला पकड़ में आया है। बाकी व्यावसायिक गोपनीयता की बात कहते हुए आगे जानकारी देने से इनकार कर दिया।
Published on:
05 May 2022 08:13 am
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