
satna - 12 thousand students passed 12th, only 10 thousand seats in co
सतना. कक्षा 12वीं पास करने के बाद मन पसंद कॉलेज व विषय में प्रवेश की जद्दोजहद शुरू होती है। स्कूल से कॉलेज पहुंचने वाले विद्यार्थियों के लिए ऐतिहासिक पल होता है, लेकिन सतना के संदर्भ में बात करें तो स्कूल शिक्षा व उच्च शिक्षा के समन्वय में इतना अंतर है कि करीब 7 हजार विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाएंगे। कारण है कि 12वीं पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 17 हजार से ज्यादा है। वहीं सरकारी कॉलेजों में सीटें करीब 10400 हैं। ऐसे में करीब ७ हजार छात्रों के सामने प्रवेश की चुनौती होगी। उन्हें शहर छोड़ बड़े शहरों की ओर पलायन करना होगा या फिर निजी कॉलेजों में भारी-भरकम फीस अदाकर पढ़ाई करनी होगी। जानकारी अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल से 12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 12614 है, इनमें से 5983 छात्र और 6631 छात्राएं हैं। इसी तरह सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड से करीब 5 हजार विद्यार्थी 12वीं पास कर कॉलेज पहुंचे हैं। दूसरी ओर जिले में कुल 15 शासकीय कॉलेज हैं। इनमें कुल 10,430 सीटें हैं। सबसे ज्यादा मारामारी शासकीय कॉलेजों में प्रवेश पाने की रहेगी। डिग्री कॉलेज और इंदिरा कन्या महाविद्यालय में प्रवेश पाने छात्र अधिक उत्सुक रहते हैं। जिलेभर का सर्वाधिक बोझ यही दोनों कॉलेज उठाते हैं।
सत्र शुरू होने की चुनौती
सीटें तो हैं, लेकिन उतनी नहीं जितने की जरूरत है। उधर कुछ कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के लिए फार्म भरने की तैयारी भी शुरू हो गई है। विवि के निर्देश भी हैं कि कॉलेज जून में प्रवेश परीक्षा करा लें। 15 जुलाई से पहले दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर लें, ताकि 16 जुलाई से नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो सके।
छात्र काटते हैं चक्कर
कॉलेजों में सीट की कमी और छात्र संख्या ज्यादा होने के कारण छात्र प्रवेश के लिए कॉलेज-कॉलेज चक्कर काटते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति पिछले वर्ष भी बनी थी। छात्रों की परेशानी को देखते हुए बाद में कुछ कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी। ऐसे ही हालात इस वर्ष भी बन रहे हैं। छात्रों को एक जगह जानकरी मिल जाए, ऐसी कोई सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था नहीं है।
रोजगार मूलक शिक्षा नहीं
जिले के कॉलेज प्राध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं। अतिथियों के सहारे छात्रों का भविष्य संवारा जाता है। उधर कॉलेज अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। अर्थात यहां आज भी परम्परागत कोर्स ही संचालित हैं। रोजगार मूलक कोर्स नहीं शुरू किए जा सके हैं। ऐसे में छात्रों को निजी कॉलेज और अन्य शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
ये है हकीकत
कॉलेज सीट संख्या
डिग्री कॉलेज 3150
कन्या महाविद्यालय 2070
अमरपाटन 810
मैहर 2400
जैतवारा 80
नागौद 620
उचेहरा 200
रामनगर 200
रामपुर बघेलान 150
खजुरीताल 80
मझगवां 150
अमदरा 200
बदेरा 200
बिरसिंहपुर 60
नादन 60
कुल 10430
Published on:
22 May 2019 06:00 am
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