
satna: AC cooler of collector's office saved from attachment
सतना. कोटर तहसीलदार की सरकारी गाड़ी से एक व्यक्ति का पांव फ्रैक्चर हो गया था। मामला दुर्घटना क्लेम के लिए न्यायालय पहुंचा। जहां 2017 में न्यायालय ने पीडि़त पक्ष को 1.40 लाख रुपये देने का आदेश म.प्र. राज्य को अदा करने के आदेश दिए। लेकिन लालफीताशाही और अफसरशाही ऐसी रही कि 5 साल बाद भी पीडि़त को यह राशि नहीं मिल सकी। जिस पर नवम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने इस राशि की वसूली के लिये कलेक्ट्रेट की चल संपत्तियों की कुर्की कर वसूली करने का आदेश जारी किया। जिसे लेकर न्यायालय के कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचे तो यहां हड़कम्प मच गया। बाद में अधिकारियों ने आनन फानन में बीच का रास्ता निकाला और आज कोर्ट से जरिये शासकीय अभिभाषक कुछ समय मांग लिया है।
कोटर तहसीलदार के सरकारी वाहन से हुआ था एक्सीडेंट
मिली जानकारी के अनुसार कोटर तहसीलदार के सरकारी वाहन की ठोकर से 2017 में जय किशोर द्विवेदी पिता दिनेश प्रसाद निवासी ऐझी थाना सभापुर घायल हो गए थे। उनके पांव में फ्रैक्चर आ गया था। जिसके बाद दुर्घटना दावा प्रस्तुत किया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जय किशोर द्विवेदी को 98000 रुपये देने शासन को आदेश दिए। अक्टूबर 2017 को दिए गए आदेश का पालन नहीं किया गया। लिहाजा ब्याज और अन्य खर्चों सहित यह राशि 1.40 लाख रुपये पहुंच गई।
न्यायालय ने कुर्की के लिये भेजे कर्मचारी
5 साल बाद भी कलेक्टर द्वारा डिक्रीदार जय किशोर द्विवेदी को मुआवजे का भुगतान नहीं करने पर न्यायालय ने कलेक्ट्रेट की अचल संपित्त की सूची बनाते हुए उसे कुर्क करने के आदेश दिए। इसमें वाहन क्रमांक एमपी 02एवाईए 768, फ्रिज, कूलर, एसी, कुर्सी, टेबल, पंखा, आलमारी, कम्प्यूटर की कुर्की के आदेश दिए गए। जैसे ही न्यायालय के कर्मचारी इन सामानों की कुर्की के लिए विगत दिवस पहुंचे तो यहां हड़कम्प मच गया। आनन फानन में बीच का रास्ता निकालते हुए किसी तरह समय चाहा गया। इसके बाद मंगलवार 20 दिसंबर को सरकारी वकील ने न्यायालय में पेश होकर कुछ समय ले लिया है।
Published on:
21 Dec 2022 10:26 am
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