25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

satna: संचालकों की लापरवाही से जिले के सभी वृद्धाश्रमों का बंद हुआ अनुदान

किसी भी आश्रम ने ई-अनुदान पोर्टल में नहीं की अपनी इंट्री नए 50 सीटर आश्रम के लिए उपयुक्त संस्था की तलाश जारी

2 min read
Google source verification
satna: संचालकों की लापरवाही से जिले के सभी वृद्धाश्रमों का बंद हुआ अनुदान

satna: Negligence of directors, all old age homes closed grant

सतना. जिले में संचालित हो रहे सभी 6 आश्रमों पर उनके संचालकों की लापरवाही भारी पड़ी है। समय पर केन्द्र सरकार के पोर्टल में जानकारी फीड नहीं करने के कारण इनका अनुदान बंद हो गया है। ऐसे में यहां निवास करने वाले वृद्धों पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। हालांकि दो आश्रम शासकीय संचालित है लिहाजा यहां ज्यादा संकट नहीं है लेकिन अन्य में स्थितियां कुछ खराब हो सकती हैं।

बदली व्यवस्था से बिगड़े हालात

वरिष्ठ जनों के लिए संचालित होने वाले वृद्धाश्रमों को पहले निराश्रित निधि से अनुदान मिला करता था। निराश्रित निधि के खाते का संचालन पहले कलेक्टर करते थे। लेकिन कुछ साल पहले राज्य शासन ने जिला स्तर पर कलेक्टर के पास रहने वाली निराश्रित निधि को अपने पास मंगा लिया और इसे पेंशन के रूप में उपयोग करने लगे। इसके बाद से वृद्धाश्रमों के संचालन के लिए अनुदान की व्यवस्था भारत सरकार के हिस्से में है। लेकिन अनुदान तभी मिलेगा जब भारत सरकार के ई-अनुदान पोर्टल पर चाही गई जानकारी फीड की जाएगी।

हुई हद दर्जे की लापरवाही

भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2022 को अधिसूचना जारी करते हुए जिले के अधिसूचित आश्रमाें के प्रस्ताव ई-अनुदान पोर्टल पर चाहे थे। लेकिन निराश्रित निधि से संचालित इन वृद्धाश्रमों ने अनुदान पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जिससे इनकी अनुदान स्वीकृति रोक दी गई है।

कलेक्टर पर छोड़ा निर्णय

इधर अनुदान से वंचित वृद्धाश्रमों के संचालकों ने सीएम तक अपनी बात रखते हुए अनुदान राशि जारी करने की मांग की। लेकिन इससे कुछ खास असर तो होता हुआ नहीं दिखा है बल्कि आयुक्त सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण ने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि इन आश्रमों का संचालन कर रही संस्थाओं की वित्तीय सुदृढ़ता का परीक्षण कर इन आश्रमों के संचालन का उचित निर्णय लें। साथ ही सतना में निर्माण के अंतिम चरण में चल रहे 50 सीटर वृद्धाश्रम के लिए उपयुक्त संस्था का चयन कर संचालन की जिम्मेदारी सौंपने कहा है।

अभी इतने आश्रम संचालित

चित्रकूट और मैहर के वृद्धाश्रम एसडीएम द्वारा संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा निजी संस्थाओं से संचालित होने वाले आश्रमों में श्यामनगर उचेहरा में प्रभा जनकल्याण समिति, दुर्गा वृद्धाश्रम सरभंगा में संत विमला, बिरसिंहपुर में मॉडल शिक्षा समिति और लालता प्रसाद खरे चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लालता खरे वृद्धाश्रम का नीमी में संचालन हो रहा है।