
Satna's first redensification approved
सतना। शहर की विभिन्न शासकीय जमीनों और भवनों का वर्तमान आबादी और व्यवस्था के हिसाब से रिडेंसीफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण) किये जाने की प्रक्रिया को बड़ी सफलता मिली है। हालांकि इसके पहले भी यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी लेकिन शासन स्तर पर इसे सहमति नहीं मिल पाई थी लेकिन यह पहला अवसर है जब मुख्य सचिव इकबाल सिंह की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने रिडेंशीफिकेशन के प्रस्ताव को हरी झण्डी दे दी है। अब पुराना पॉलीटेक्निक स्थल के रिडेंसीफिकेशन से 112 कर्मचारी आवास और 500 लोगों की क्षमता वाला ऑडीटोरियम बनाया जाएगा। पीएस उच्च शिक्षा की मांग पर कुछ काम मौजूद पॉलीटेक्निक कॉलेज में भी किया जाएगा। यह सतना का पहला सफल रिडेंसीफिकेशन होगा। अब इनकी निविदा की कार्यवाही प्रारंभ होगी।
70.29 करोड़ का है प्रस्ताव
नवंबर 2022 में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति ने रिडेंसीफिकेशन के प्रस्तावों को सहमति देते हुए सीएस की साधिकार समिति के पास भेजने का निर्णय लिया गया था। इसमें पुराना पॉलीटेक्निक कॉलेज की सिविल लाइंस स्थित जमीन और भवन को शामिल किया गया था। इसमें पुराना डीपीसी कार्यालय, पीएचई कार्यालय, पुराना सिविल लाइन थाना और पुराना पॉलीटेक्निक भवन का क्षेत्र शामिल है। इसकी आधार प्राइज 89.38 करोड़ रुपये तय की गई है। इसके एवज में 112 सरकारी आवास, 500 क्षमता वाला ऑडीटोरियम सहित अन्य निर्माण जिनकी लागत 70.29 करोड़ है निर्मित किए जाएंगे।
जिले के प्रस्ताव पर थोड़ा परिवर्तन
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति की बैठक में पुराना पॉलीटेक्निक के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएस उच्च शिक्षा ने कहा कि इसमें से कुछ राशि हमारे मौजूद पॉलीटेक्निक कॉलेज के निर्माण के लिए दे दी जाए। उसका भवन पुराना हो रहा है लिहाजा काम की आवश्यकता है। इस मांग को मुख्य सचिव ने स्वीकार करते हुए कलेक्टर से कहा कि पुराने आवास और ऑडीटोरियम के लिये जो राशि तय की गई है उसमें कुछ काम कम करते हुए पॉलीटेक्निक कॉलेज के लिये दे दें। साथ ही यह भी कहा कि इस परिवर्तन के बाद दोबारा प्रस्ताव साधिकार समिति के पास लाने की जरूरत नहीं है। इसी में संशोधन स्वीकार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही पुराना पॉलीटेक्निक कॉलेज के रिडेंसीफिकेशन को मंजूरी दे दी गई।
जिले का पहला रिडेंसीफिकेशन
सतना जिले का स्वीकृत होने वाला यह पहला रिडेंसीफिकेशन है। इसके पहले हालांकि तत्कालीन कलेक्टर मोहनलाल मीना, संतोष मिश्रा, मुकेश शुक्ला और अजय कटेसरिया के कार्यकाल के दौरान भी प्रस्ताव भेजे गए थे। लेकिन शासन स्तर से इन्हें स्वीकृति नहीं मिल सकी थी।
Published on:
18 Jan 2023 10:40 am
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