
Satna - central jail
सतना. केंद्रीय जेल सतना में सुरक्षा नियमों को ताक पर रख दिया गया है। मात्र एक माह के दौरान एक के बाद एक वारदातों ने जेल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। अब एक ऐसा वीडियो वॉयरल हुआ है, जो जेलर बद्री विशाल शुक्ला की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। वीडियो को देखने के बाद साफ लगता है कि जेलर ही जेल की सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं। दरअसल, जेलर बद्री विशाल शुक्ला का जेल के पीछे नई बस्ती क्षेत्र में निज निवास भी है। वॉयरल वीडियो में दिखता है कि जेल के पांच कैदी पैदल कहीं जा रहे हैं। कुछ दूर चलने के बाद वे जेलर के निज निवास पर रुक जाते हैं। उनके साथ एक जेलकर्मी भी दिखाई देता है। उसके बाद मुख्य दरवाजा खटखटाया जाता है। दरवाजा खुलता है, तो कैदी जेलर के निवास में सामान लेकर प्रवेश कर जाते हैं। अब सवाल उठाता है कि रहवासी क्षेत्र में किसकी अनुमति से कैदियों को भेजा गया। जेल मैन्युअल के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता। अगर, कोई भी अधिकारी-कर्मचारी ऐसा करता है, तो गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है और उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
एक जेलकर्मी के हवाले पांच कैदी
वीडियो में साफ दिखाई देता है कि एक जेलकर्मी के हवाले पांच कैदियों को सामान लेकर भेजा गया। कैदियों के हाथ-पांव खुले हुए हैं। वे जेल सीमा से बाहर है। ऐसे में वे जेलकर्मी के साथ कोई वारदात करते हुए भाग खड़े हों, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? ऐसे में जेल प्रबंधन क्या कर रहा है? क्या एक जेलर के लिए पूरे जेल नियमों को ताक पर रख दिया जाएगा। ऐसे सवाल का जवाब देना जेल प्रबंधन के लिए मुसीबत से कम नहीं है।
आम व्यक्ति के जीवन से खिलवाड़
जेलर केवल निज लाभ के लिए जेल व आम व्यक्ति की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। केंद्रीय जेल में बंद कैदी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है। बल्कि हत्या, लूट, डकैती जैसे वारदातों को अंजाम देने वाले शातिर अपराधी हैं। जिन्हे कोर्ट भी अपराधी मान चुकी है। ऐसे व्यक्तियों को रहवासी क्षेत्र में ले जाना, आम व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल है। कभी भी कोई बड़ी वारदात हो सकती है। भोपाल जेल ब्रेक कांड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
मनमानी को राहत क्यों
एक माह के अंदर दो कैदियों की आत्महत्या, जेल के अंदर कैदियों के बीच जानलेवा हमला, बिना कोर्ट अनुमति कैदी को दो दिन तक जेल के बाहर रखना जैसी गंभीर वारदातें सामने आ चुकी हैं। अब जेलर के घर पर कैदियों द्वारा सामान पहुंचाना गंभीर लापरवाही भी सामने आ चुकी है। ऐसे में जीपी ताम्रकार डीआइजी जेल जबलपुर और संजय चौधरी डीजी जेल की चुप्पी गंभीर सवाल खड़ा करती है। आरोप है कि इन दोनो के संरक्षण के कारण ही जेलर मनमानी कर रहे हैं।
मेरे घर में कैदी नहीं आते। सरकारी आवास के पास ही निज आवास है। जेल के परिसर की सफाई के दौरान कैदी निज निवास पर पहुंच जाते हैं। इसी दौरान कोई वीडियो बना लिया होगा।
बद्री विशाल शुक्ला, जेलर, सतना।
Published on:
10 Jun 2019 11:00 pm
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