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बच्चों की मैपिंग में पिछड़ा मप्र का यह जिला, आदिवासी बहुल इलाके अव्वल

हकीकत: आठ रिमाइंडर के बाद भी नहीं सुधरे हालात, बीआरसीसी व प्रधानाध्यापकों को सात दिन का अल्टीमेटम

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Secondary school relied on by a teacher for ten years

सुधरेगी व्यवस्था... एक शिक्षकीय शाला को मिला एक और शिक्षक।

सतना. छात्र-छात्राओं के इनरोलमेंट में जिले की स्थिति दयनीय है। विभागीय अधिकारियों की बार-बार चेतावनी के बाद भी प्रगति नजर नहीं आ रही। जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने एक बार फिर मामले को लेकर रिमाइंडर जारी किया है। गत दिनों हुई वीसी (वीडियो कॉफें्रसिंग) में उन्होंने सभी बीआरसीसी व प्रधानाध्यापकों को सात दिन के अंदर तय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया है।

इनरोलमेंट का लक्ष्य

विभागीय सूत्रों ने बताया कि जिले में १ लाख ९५ हजार ६२९ बच्चों के इनरोलमेंट कराने का लक्ष्य मिला था। लेकिन, अब तक १ लाख ८५ हजार ४१८ इनरोलमेंट ही हुए हैं। यानी करीब १८ हजार बच्चों को विभाग अब भी स्कूलों से दूर मान रहा है। इसे लेकर विभागाीय स्तर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है। मैदानी अमले का तर्क है कि जिला सीमावर्ती क्षेत्र होने व पलायन के चलते लक्ष्य पूर्ति नहीं हो पा रही है। ज्यादातर बच्चे परिवार के साथ बाहर चले जाते हैं। इस कारण उनका पंजीयन संभव नहीं है। पड़ोसी राज्य यूपी से आने वाले बच्चों की समग्र आईडी न होने से ऑनलाइन पंजीयन में समस्या होती है।


रामपुर की स्थिति संतोषजनक
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो मैपिंग में अमरपाटन व नागौद ब्लॉक सबसे पीछे है। रामुपर बाघेलान की स्थिति संतोषजनक है। यहां तय लक्ष्य के मुताबिक ९६.४ फीसदी मैपिंग हो चुकी है। जो कि प्रदेश के औसत आंकड़े ९६.२ फीसदी से ज्यादा है। शेष सभी ब्लॉकों में इनरोलमेंट की स्थिति प्रदेश की औसत स्थिति से कम है।
ब्लॉकवार मैपिंग की स्थिति
ब्लॉक लक्ष्य इनरोलमेंट संख्या प्रतिशत
अमरपाटन २०,४११ १९,०२२ ९३.९
मैहर ४०,६३३ ३८,१९१ ९३.९
मझगवां ३०,७५० २९,३९० ९५.३
नागौद १८,२९० १७,०४८ ९३.२
रामनगर १८,३८३ १७,६१८ ९५.८
रामपुर बाघे २१,४७७ २०,७०७ ९६.४
सोहावल २४,८४६ २३,५२९ ९४.७
उचेहरा २०.८३६ १९,९१३ ९५.५
कुल १,९५,६२६ १,८५,४१८ ९४.७