scriptsatna: गये थे चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने, यहां नौकरी ही दांव पर लग गई | satna: Election duty was cut, but job was at stake | Patrika News
सतना

satna: गये थे चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने, यहां नौकरी ही दांव पर लग गई

जिपं सीईओ ने जिला विभाग प्रमुखों को इनकी क्षमता परीक्षण के लिये लिखा

सतनाJun 21, 2022 / 01:55 pm

Ramashankar Sharma

satna: गये थे चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने, यहां नौकरी ही दांव पर लग गई

आवेदकों के शासकीय काम कर सकने की क्षमता परीक्षण के जारी हुए निर्देश

सतना. पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के लिये मतदान दलों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में काफी संख्या में शासकीय सेवक चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिये अपने आवेदन दे रहे हैं। इसमें से कई आवेदनों में तो बहानेबाजी भी समझ में आ रही है जिनके आवेदन अमान्य किये जा रहे हैं। लेकिन इनमें से तीन आवेदक ऐसे मिले हैं जो मेडिकल बोर्ड का सर्टिफिकेट लेकर नाम कटवाने पहुंचे। लेकिन जिस काम के लिये वे शासकीय सेवा में रखे गये हैं, मेडिकल सर्टिफिकेट के अनुसार वे उस काम के लिये फिट नहीं है। ऐसे आवेदकों का नाम चुनाव ड्यूटी से काटने की अनुमति तो दे दी गई है लेकिन संबंधित जिला विभाग प्रमुखों को यह लेख कर दिया गया है कि इनका परीक्षण किया जाए कि ये जिस कार्य के लिये शासकीय सेवा हैं उनके लायक है भी या नहीं। इस तरह की टीप के बाद अब आवेदन देने वालों में हड़कम्प मच गया है।
कराओ आवेदकों का क्षमता परीक्षण

मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल संबंधी मामलों में जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं कि मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र के बाद ही संबंधित शासकीय सेवकों के आवेदन स्वीकार किये जाएंगे। लिहाजा शासकीय सेवक अपने मेडिकल प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन शाखा में नाम काटने के आवेदन के साथ जमा कर रहे हैं। जहां से आवेदन मार्क होकर इसको चुनाव की कार्मिक शाखा में स्वीकृत करने के लिये जिला पंचायत सीईओ के पास भेजा जा रहा हैं। जिला पंचायत सीईओ ने तीन आवेदन ऐसे पाए जो वास्तविक रूप से चुनाव ड्यूटी करने में सक्षम नहीं है। लेकिन यह भी पाया कि जिस तरीके की उनकी मेडिकल स्थिति है उसके अनुसार वे अपने दायित्व निर्वहन में भी सक्षम नहीं है। लिहाजा इनके अधिकारियों को इनके कार्य क्षमता का परीक्षण करने लिखा है।
इस तरह के मामले

केस 1: एक सहायक अध्यापक ने अपने एक्सीडेंट का हवाला देते हुए बताया कि एक्सीडेंट के कारण बोलने में काफी कठिनाई होती है और सिर में चोट का भी असर है। जिला पंचायत सीईओ चूंकि डाक्टर भी है लिहाजा उन्होंने सर्टिफिकेट चेक करने के बाद पाया कि आवेदक की जानकारी सही है। फिर पूछा कि फिर बच्चों को पढ़ाते कैसे हो तो अध्यापक ने बताया कि बोर्ड में लिखता बस हूं। इस पर सीईओ ने कहा कि एक तो एक तरफा अध्यापन हो गया। इसके बाद इनका नाम चुनाव ड्यूटी से काटने के आदेश देने के साथ ही डीईओ को पृथक से टीचिंग क्षमता जांचने पत्र लिखा है।
केस 2: इसी तरह पीआईयू के एक मानचित्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत हुए। इसे पैरालिसिस टाइप की स्थिति थी। ऐसे में वह नक्शा आदि बनाने का काम भी नहीं कर सकता है। लिहाजा इसका नाम काटने के साथ ही विभाग प्रमुख को इसकी भी कार्य क्षमता जांचने संबंधी निर्देश दिए हैं। इसी तरह का एक मामला और एक शिक्षक का सामने आया है। इनका भी कार्य क्षमता परीक्षण के लिये लिखा गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो