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BIG NEWS: भोपाल में तय होगा सतना नगर निगम का संपत्तिकर

परिषद और ननि को राजस्व क्षति वाले प्रस्तावों को लागू करने का अधिकार नहीं  

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satna nagar nigam

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सतना. नगर पालिक निगम सतना प्रदेश की पहली एेसी संस्था है जिसके संपत्तिकर का निर्धारण प्रदेश सरकार करेगी। निगम प्रशासन द्वारा संपत्तिकर में की गई वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध करते हुए निगम परिषद ने संपत्तिकर की राशि घटाने तथा वर्ष 2015-16 की तरह संपत्तिकर निर्धारित करने का प्रस्ताव सदन में पास किया है। इसे लागू करने में असमर्थ निगम प्रशासन अब इस प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति व मार्गदर्शन के लिए नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल भेजेगा।


निर्णय का रहेगा इंतजार
शहर की जनता को बढ़ी हुई संपत्तिकर राशि से राहत मिलेगी या नहीं, इसके लिए संपत्तिकरदाताओं को नगरीय प्रशासन विभाग के निर्णय का इंतजार करना पडेग़ा। निगम के अधिकारियों का कहना है, नगर पालिक निगम अधिनियम में साफ उल्लेख है कि नगरीय निकाय संस्था को राजस्व व आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले निर्णय लेने का अधिकार एमआइसी व निगम परिषद को नहीं है। एेसे प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय नगरीय प्रशासन लेगा, जो नगरीय निकाय को मान्य होगा।


क्या है विवाद
नगर निगम प्रशासन ने बीते साल संपत्तिकर निर्धारण में कुछ संशोधन करते हुए कॉरपेट एरिया को भी संपत्तिकर निर्धारण में जोड़ दिया था। निगम के इस संशोधन से संपत्तिकर की राशि में 24 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई। इसकी जानकारी जब पार्षदों को हुई तो संपत्तिकर को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दो साल से परिषद और निगम प्रशासन के बीच संपत्तिकर में वृद्धि का विवाद जारी है। मार्च 2018 में आयोजित परिषद की बजट बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से संपत्तिकर की राशि घटाकर वर्ष 2015-16 की तरह संपत्तिकर का निर्धारण करने का प्रस्ताव पास किया था। इसे अस्वीकार करते हुए निगमायुक्त ने निर्णय को निगम के राजस्व के लिए क्षतिकारक बताया तथा परिषद में पुनर्विचार के लिए रखा था। परिषद ने इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया।


16 करोड़ की राजस्व वसूली अटकी
संपत्तिकर विवाद के चलते निगम प्रशासन वर्ष 2018-19 के लिए अभी तक संपत्तिकर का निर्धारण नहीं कर सका। इसके चलते वर्तमान वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर की वसूली अटक गई है। संपत्तिकर शाखा के अधिकारियों का कहना है कि इस साल लगभग 16 करोड़ रुपए की संपत्तिकर निर्धारित है, जिसकी वसूली नगरीय प्रशासन विभाग से संपत्तिकर का निर्धारण होने के बाद ही हो पाएगी। विवाद के चलने निगम प्रशासन द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष की संपत्तिकर वसूली पर रोक लगा दी है।