
Satna Municipal Corporation Shoddy construction news in hindi
सतना। जलभराव की समस्या से जूझ रही कॉलोनियों में नाली निर्माण कराने के लिए नगर निगम के पास बजट नहीं है। पर, जिन कॉलोनियोंं में पूर्व में नालियों का निर्माण हो चुका है उन्हें जर्जर बताकर नई नालियों का निर्माण कराते हुए निगम प्रशासन जनता का पैसा पानी में बहा रहा। नाली निर्माण के नाम पर निगम प्रशासन द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल मंगलवार को तब खुली जब वार्ड 23 संग्राम कॉलोनी के रहवासियों द्वारा घटिया निर्माण की शिकायत पर महापौर ममता पाण्डेय ने मौके पर पहुंच नाली निर्माण की गुणवत्ता देखी।
रहवासियों ने महापौर को बताया कि जहां पर नाली का निर्माण कराया जा रहा, वहां वर्ष 2009 में ढोका से पक्की नाली का निर्माण कराया गया था। अब उसे तोड़कर नगर निगम कालोनी में 19 लाख की लागत से घटिया और गुणवत्ताहीन नाली का निर्माण करा रहा है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए महापौर ने इइ अरुण तिवारी से नाली निर्माण की पुरानी और नई फाइल तलब की तो इंजीनियरों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। इस पर महापौर ने नाली निर्माण के भुगतान पर तत्काल रोक लगाते हुए निर्माण कार्य में किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
बिना मौका-मुआयना बना दिया प्रस्ताव
नगर निगम के इंजीनियर लाखों रुपए के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट बिना मौका मुआयना किए ऑफिस में बैठकर बना देते हैं। इतना ही नहीं, निगम की उपयंत्री द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता का भौतिक सत्यापन नहीं किया जाता। यह बात महापौर द्वारा निर्माण कार्य की फाइल तलब करने पर स्वयं इइ ने स्वीकार की। महापौर ने जब यह जानकारी ली कि किसके निर्देश पर पक्की नाली तोड़कर नई नाली का प्रस्ताव बनाया गया तो इंजीनियर ने कहा कि वार्ड पार्षद की मांग पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
ठेकेदार ने बेच लिए ढोके
रहवासियों ने बताया, नाली की तुड़ाई में निकली निर्माण सामग्री एवं ढोके ठेकेदार ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बेच लिए। इससे निगम को लाखों रुपए के राजस्व की चपत लगी है। जब महापौर ने इसकी जानकारी साइट इंचार्ज से ली तो वह नाली की खुदाई मे निकले ढोके कहां गए, इस बारे में नहीं बता सका।
वार्ड क्रमांक-23 में रामबली पाण्डेय के घर के पास नाली निर्माण का कार्य चल रहा है। स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण कार्य की शिकायत की थी, जो निरीक्षण करने पर सही पाया गया। इंजीनियरों द्वारा 2009 में बनी नाली को तुड़वाकर नई नाली का निर्माण कराया जा रहा। यह जनता के पैसे का दुरुपोग है।
- ममता पाण्डेय, महापौर
Published on:
19 Jun 2019 04:21 pm
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