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कॉलेज के जर्जर भवन पर चली जेसीबी, नगर निगम के दस्ते ने न्यायालय से स्टे हटते ही की कार्रवाई

कॉलेज के जर्जर भवन पर चली जेसीबी, नगर निगम के दस्ते ने न्यायालय से स्टे हटते ही की कार्रवाई

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Satna Nagar Nigam JCB runs on the dilapidated building of the college

Satna Nagar Nigam JCB runs on the dilapidated building of the college

सतना/ कमला नेहरू कालेज, लॉ कालेज, जनता कालेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साढ़े तीन एकड़ के परिसर पर अपना कब्जा पाने के बाद नगर निगम ने यहां स्थित जर्जर भवनों को ढहा दिया। हालांकि यह कार्रवाई पहले ही हो जानी थी लेकिन शिक्षा समिति की ओर से स्थगन ले लिया गया था। मंगलवार को न्यायालय के मामला खारिज होने के बाद निगम ने बुधवार को खतरनाक घोषित हो चुके भवनों को गिरा दिया। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा तो कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट संस्कृति शर्मा मौजूद रहीं।

प्रेमनगर स्थित लगभग साढ़े तीन एकड़ की जमीन पर कब्जा पाने के बाद नगर निगम ने यहां निर्मित भवनों का परीक्षण कराया तो पाया कि यह भवन काफी जर्जर हो चुके हैं। इस स्थिति में ये भवन थे उससे यहां रहने और उपयोग करने वालों की जानमाल का खतरा था। नगर निगम की एमआईसी ने जर्जर भवनों को गिराने का निर्णय लिया। इसके बाद भवन गिराने के लिए धारा 310 के तहत कार्रवाई प्रारंभ करते हुए संबंधितों को भवन खाली करने का नोटिस दिया गया। लेकिन संबंधितों ने भवन खाली करने की जगह न्यायालय चले गए और वहां से स्टे ले लिया। इसके बाद न्यायालय ने भी निगम में अपना पक्ष रखा और मंगलवार को न्यायालय ने मामला खारिज कर दिया। इसके बाद निगम प्रशासन ने बुधवार को इन जर्जर भवनों को गिराने का निर्णय लिया।

भरभरा का गिर गया हिस्सा
जैसे ही कमला नेहरू कालेज में दो जेसीबी ने एक साथ गिराने का काम शुरू ही किया था कि इसका एक बड़ा हिस्सा जो काफी कमजोर था अपने से भरभरा कर गिर गया। जब सभी जर्जर भवन ढहा दिए गए, उसके बाद भी यहां से दस्ता रवाना हुआ। अब मलबा हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

सुबह से पहुंच गई टीम
भवन गिराने के दौरान किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति न बने, इसको लेकर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही सीएसपी और सिटी कोतवाली टीआई भी मौजूद थे। सुबह 11 बजे के लगभग भवन गिराने की कार्रवाई प्रारंभ की गई। इस दौरान निगम की दो जेसीबी सहित अन्य वाहन मौजूद रहे। कार्रवाई की शुरुआत में इस परिसर के सामने का आवागमन अस्थाई तौर पर कुछ घंटे के लिये रोक दिया गया था।

खाली करवाने में लगा वक्त
निगम अमला भवन गिराने पहुंचा तो पाया कि सभी कमरों में समिति का सामान रखा है। विपरीत स्थिति न बने लिहाजा दस्ते ने समिति संचालकों और स्टाफ के सामने भवन को पूरी तरह से खाली कराया। लगभग दो घंटे से ज्यादा वक्त लग गया। दिक्कत कमला नेहरू महाविद्यालय की लाइब्रेरी में सामने आई। पहली मंजिल में बनी इस लाइब्रेरी में जाने का कोई रास्ता नहीं था। लिहाजा जेसीबी से ऊपर आदमी भेजे गए और जेसीबी के बकेट में लाइब्रेरी की आलमारियां नीचे उतारी गईं।

डीईओ को लिखा पत्र
निगम कार्यालय ने बताया कि यहां के ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों का पठन पाठन बंद ही था। कुछ को मान्यता नहीं थी तो कुछ को क्लास संचालन की अनुमति इस बार नहीं थी। परिसर में एक विद्यालय का संचालन जारी था, जिसके लिए अभी भी कई कमरे खाली हैं। इस विद्यालय की मान्यता समाप्त करने के लिये डीईओ को लिखा गया है।

विद्यालय भवन में संचालित था मंदिर
जब भवन खाली कराया जाने लगा तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। यहां एक कमरे में साईं बाबा का मंदिर संचालित होना पाया गया। जबकि यहां शैक्षणिक परिसर था। हालांकि इनके अनुयायियों ने मंदिर से जुड़ी सभी सामग्री निकाल कर ले गए।

कहां जाएंगे विद्यार्थी
कार्रवाई के बाद कमला नेहरू महाविद्यालय के एपी सिंह ने कहा कि यहां कई शैक्षणिक संस्थान चल रहे हैं। अब विद्यार्थियों के पठन पाठन की समस्या हो गई है। 18 कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में है। वे अब परिसर में टेंट लगाकर पठन पाठन करवाएंगे। सपा नेता राजेश दुबे ने कार्रवाई के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की बात कही है।

यह है मामला...
अनाथालय के नाम से पहचाने जाने वाले साढ़े तीन एकड़ के इस क्षेत्र में अतिक्रमणकारी अशोक मिश्रा ने आधा दर्जन से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान खोल रखे थे। पं. विजय शंकर मिश्रा शिक्षा समिति से संचालित इन शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में कानूनी लड़ाई 2006 से चल रही थी। अदालत ने तीन माह में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर बेदखली का आदेश जारी किया था। लेकिन अशोक मिश्रा ने स्थगन प्राप्त कर लिया। 13 वर्ष बाद 22 जुलाई को हाईकोर्ट ने मिश्रा की याचिका खारिज कर दी। नजूल की इस आराजी का कब्जा हासिल करने के बाद प्रशासन ने यह जमीन निगम को दे दी।