
satna: old tribal couple is not getting food grains since corona
सतना। मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में कई ऐसे मामले आए जो व्यवस्था पर न केवल प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे थे बल्कि यह भी बता रहे थे कि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 80 वर्षीय वृद्ध आदिवासी दंपति को कोरोना काल से राशन नहीं मिल रहा था। परेशान होकर आज वह कलेक्टर के पास पहुंचा। इसी तरह एक शिक्षक की उम्र का गलत आकलन कर उसका रिटायरमेंट तय करने जैसा मामला भी सामने आया। कलेक्टर ने इन मामलों को सुन इन्हें तत्काल राहत देने के निर्देश दिए। इस दौरान जिपं सीईओ सहित अन्य विभाग प्रमुख मौजूद रहे। इस दौरान 57 शिकायतें सुनी गईं।
चलने की हिम्मत नहीं है फिर भी राशन के लिए आए कलेक्टर दरबार में
सोहावल जनपद पंचायत के सगमनिया गांव निवासी 84 वर्षीय वृद्ध अपनी 80 वर्षीय पत्नी बिटीवा कोल के साथ बमुश्किल कलेक्ट्रेट पहुंचा। कमर से पूरी तरह झुक चुकी वृद्ध पत्नी के साथ पहुंचे वृद्ध को यहां कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी यहां उन्हें एक युवक दिखा। उसे बताया कि 'करोना के बाद से दादू राशन नहीं मिलय, बड़ी दिक्कत होय रही है... कलेक्टर से मिलय का रहा। जनसुनवाई कौने कई होत ही...'। वृद्ध दंपति की हालत देखते हुए वह युवक उन्हें अपने साथ लेकर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में चल रही जनसुनवाई कक्ष में पहुंचा। बमुश्किल चल और बोल पा रहे इस दंपति से यहां पहले लिपिकीय स्टाफ ने पूछा कि आवेदन है क्या। जवाब न में मिला तो फिर कहने लगे कि फिर कैसे शिकायत करोगे। जबकि शासन की ओर से जनसुनवाई में ऐसे लोगों का आवेदन लिखने की व्यवस्था है। हालांकि जिपं सीईओ ने जैसे ही उन्हें देखा तो तत्काल उनके पास पहुंचे और पूरा मामला समझा। कुर्सी में इन्हें बैठाया गया। इस दौरान तक कलेक्टर भी इनके पास पहुंच गए। इनकी समस्या सुनी और डीएसओ से जानकारी ली। एक आम मामले की तरह बताया गया कि गरीबी रेखा में नाम नहीं होगा या कार्ड नहीं होगा। तब कलेक्टर ने जोर देते हुए कहा कि फिर भी इसकी पात्रता पर्ची तो बन सकती है। इसके साथ ही निर्देश दिये कि इनकी पात्रता पर्ची शीघ्र तैयार कर खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करायें। हालांकि जनसुनवाई के बाद बाहर निकले वृद्ध दंपति ने कहा कि 'कलेक्टर का बताय त दयेन है... अब राशन मिलय तब पता चली। वइसे गल्ला लेय जाय त दुकानदार झिटकारय लागत है।'
56 साल के मास्टर को 62 का बता कर किया रिटायर
रामनगर निवासी रामदीन सिंह जो शासकीय प्राथमिक शाला टिसकिलीकल संकुल केन्द्र अमदरा में पदस्थ थे, उन्होंने कलेक्टर को बताया कि मेरी उम्र अभी 56 साल है। लेकिन मुझे 62 साल का बताते हुए 30 अप्रैल को सेवा निवृत्त कर दिया। इसके साथ उन्होंने अपने सभी दस्तावेज और शासकीय रिकार्ड भी दिखाए। कलेक्टर ने सभी दस्तावेज देखने के बाद पाया कि शिकायत सही है। इसके बाद डीपीसी को बुलाकर तत्काल इनके सभी दस्तावेज सही करने के साथ ही इनकी ज्वाइनिंग और वेतन आहरण प्रारंभ कराने के निर्देश दिए।
...और सरपंच बहू का आवेदन लेकर पहुंच गए ससुर
कलेक्टर ने कुछ दिन पहले ही सरपंच पतियों को पंचायत के काम काज में दखल नहीं देने का आदेश जारी किये है। लेकिन अभी भी इस पर प्रभावी असर नहीं दिख रहा है। जनसुनवाई में रामपुर बाघेलान की पंचायत गाड़ा की सरपंच निर्मला सिंह के ससुर जगदीश सिंह बहू के नाम से आवेदन लेकर पहुंच गये। कहा कि रोजगार सहायक भारी गड़बड़ी कर रहा है। उसे बदल दिया जाए। हालांकि आवेदन देखने के बाद कलेक्टर सारी कहानी समझ गए और आवेदन लेकर जांच कराने की बात कही।
Published on:
31 Aug 2022 01:52 pm
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