
The station in-charge had released the ganja smuggler after taking the money
सतना। थाना प्रभारी द्वारा गांजा तस्करी में शामिल वाहन और आरोपियों को पैसे लेकर छोड़ देने का मामला सामने आया है। जांच के बाद हुए खुलासे से पुलिस महकमे के अधिकारी भी सन्न है कि उनके थाना प्रभारी गांजा तस्करों के संरक्षक बने हुए हैं। हालांकि जांच के बाद सामने आए नए तथ्यों के बाद छोड़े गए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गांजा तस्करी में संलिप्त वाहन को भी जब्त कर लिया गया है। जो जानकारी आई है उसके अनुसार थाना प्रभारी ने गवाहों के माध्यम से गांजा तस्करों से पैसे का लेन देन किया था। अब थाना प्रभारी की विभागीय जांच प्रारंभ कर दी गई है।
पांच माह पहले हुआ था खेल
पांच माह पहले बदेरा पुलिस ने कार में छिपा कर ले जाए जा रहे 3 लाख के गांजे के साथ तीन अंतर प्रांतीय तस्करों को पकड़ कर खूब वाह-वाही लूटी थी। लेकिन अब जो खुलासा हुआ है उसमें थाना प्रभारी राजश्री रोहित के कारनामों ने महकमे की छवि पर कालिख पोतने का काम किया है। दरअसल प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि घटना के दिन राजश्री रोहित ने गांजा तस्करों से बड़ी रकम लेकर एक कार और उस कार में बैठे तस्करों को छोड़ दिया था और सिर्फ एक कार और उसमें बैठे तस्करों की गिरफ्तारी दिखाई थी। अब इसकी विस्तृत विभागीय जांच के आदेश पुलिस अधीक्षक ने एसडीओपी मैहर को दे दिए हैं।
इस तरह हुआ खुलासा
दरअसल एनडीपीएस एक्ट के तहत जो भी प्रकरण बनता है उसकी जांच किसी अन्य थाने को दी जाती है। लिहाजा बदेरा थाने में की गई इस कार्यवाही की विवेचना अमदरा थाना प्रभारी को दी गई। जब बदेरा थाना प्रभारी राजश्री रोहित द्वारा की गई कार्रवाई को देखा गया तो पाया गया कि इस घटना में सिर्फ तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके द्वारा प्रयुक्त एक टाटा टियागो कार को जब्त करना बताया गया था। जो वाहन पकड़ा गया था उसका मालिक कपिलेश्वर बगरडी निवासी उड़ीसा था। इस आधार पर जब विवेचना प्रारंभ की गई तो पुलिस कपिलेश्वर बगरडी तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे हुई पूछताछ और अन्य गिरफ्तार आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ।
यह हुआ खुलासा
पूछताछ में पाया गया कि घटना दिनांक को जब कपिलेश्वर बगरडी के वाहन में बैठे लोगों को पकडकर कार जब्त की गई थी उसी दिन इस वाहन के पीछे चल रही एक और कार और उसमें बैठे कपिल देव मिश्रा को भी थाना प्रभारी बदेरा ने पकड़ा था। कपिल देव मिश्रा को थाने में भी बैठा कर रखा गया था। लेकिन कपिल देव मिश्रा से हुई चर्चा के बाद वाहन को तो जाने दिया गया लेकिन कपिल देव को कुछ और वक्त तक बैठाए रखा गया। उसे बैठाने के पीछे की वजह थाना प्रभारी द्वारा बताए गए लोगों के खातों में तय रकम का नहीं पहुंचना था। जब थाना प्रभारी इस बात से पुख्ता हो गई कि उनकी तय रकम मिल गई है तब कपिल देव मिश्रा को छोड़ दिया गया। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने उस वक्त छोड़ी गई कार को जब्त करने के साथ ही आरोपी कपिलदेव मिश्रा को गिरफ्त मे ले लिया। इसके बाद आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है।
अब शुरू हुई विभागीय जांच
जैसे ही पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता को थाना प्रभारी राजश्री रोहित के इस खेल का पता चला तो उन्हें तत्काल प्रभाव से थाने से हटाया गया साथ ही इस मामले की विस्तृत विभागीय जांच का जिम्मा एसडीओपी मैहर को दिया गया है।
गवाहों के खाते में ली रकम
प्राथमिक पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि राजश्री रोहित ने गांजे की तस्करी में प्रयुक्त वाहन और आरोपी को छोड़ने के लिये लगभग 5 लाख रुपये में सौदा किया था। यह रकम इस प्रकरण के गवाह बने लोगों के खाते में मंगाई गई थी। हालांकि पुलिस आधिकारिक तौर पर इस पर चुप है और यह बताया जा रहा है कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कितनी राशि और किसके माध्यम से ली गई थी। इस संबंध में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही थाने के कर्मचारियों के भी बयान लिए जा रहे हैं।
अपनी तरह का पहला मामला
गांजा तस्करी में लिप्त आरोपी और वाहन को पैसे लेकर थाना प्रभारी द्वारा छोड़े जाने का जिले का अपनी तरह का पहला आधिकारिक मामला है। इस मामले में थाना प्रभारी राजश्री रोहित की गर्दन फंस गई है और जांच पूरी होने पर उन्हें दीर्घ कालिक शास्ति का दण्ड दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है राजश्री रोहित इसके पहले चित्रकूट मेला ड्यूटी से बिना सूचना गायब होने और सतना के प्रेमनगर स्थित घर में चली गोली के मामले में भी विवाद में आ चुकी हैं।
'' छोड़े गए वाहन को जब्त कर लिया गया है और छोड़ा गया आरोपी भी पकड़ कर जेल भेजा जा चुका है। विस्तृत जांच के निर्देश एसडीओपी मैहर को दिए गए हैं।'' - आशुतोष गुप्ता, एसपी
Published on:
28 Jan 2023 10:49 am
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