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satna: स्मार्ट सिटी की कछुआ चाल, 723 करोड़ के प्रोजेक्ट आधे अधूरे

प्रोजेक्टों की लेट लतीफी पर भड़के कलेक्टर ने कहा कि मेरी कलम उठ जाएगी तो तुम लोगों की नौकरी चली जाएगी

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satna: स्मार्ट सिटी की कछुआ चाल, 723 करोड़ के प्रोजेक्ट आधे अधूरे

Satna: Tortoise move of Smart City, projects worth 723 crores incomple

सतना। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरुवार को स्मार्ट सिटी के कामों की समीक्षा की। ज्यादातर कामों में विलंब को देखते हुए कलेक्टर ने तकनीकि अमले को जमकर फटकार लगाई। कहा, यही रवैया रहने पर मेरी कलम उठ जाएगी तो तुम लोगों की नौकरी चली जाएगी। एक साल की समयावधि क्या बढ़ गई तुम लोगों को कोई मतलब ही नहीं रह गया। जब से मैं आया हूं तो तो कार्य पूर्णता की सिर्फ समय सीमा सुन रहा हूं। कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। कर क्या रहे हों? इस अवसर पर स्मार्ट सिटी के ईडी और निगमायुक्त राजेश शाही, उपायुक्त भूपेन्द्र देव परमार सहित स्मार्ट सिटी के अधिकारी उपस्थित रहे।

जांच करके बताओ दोषी कौन

22 करोड़ रुपये की लागत के स्काडा प्रोजेक्ट पर कलेक्टर ने सवाल खड़ा किया। कहा कि इसका काम है कि टंकियां भरने और पाइप लीकेज का अलर्ट जारी करे। लेकिन कलेक्ट्रेट के पीछे ही घंटो टंकी ओवर फ्लो होकर बहती रहती है। सबको दिख जाता है। लेकिन स्काडा को पता नहीं चलता है। प्रोजेक्ट इंचार्ज अश्वनी सिंह ने इस पर सफाई दी गई कि अलर्ट आया था कि लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी ने सूचना नहीं दी। कलेक्टर ने कहा कि ये सब बहुत सुन चुका हूं। इसकी जांच करो कि इसका दोषी कौन है? और एक्शन लेकर मुझे बताओ।

सिर्फ तोड़ना जानते हैं काम करना नहीं

कलेक्टर ने मॉडल रोड के निर्माण कार्य की समीक्षा में कहा कि एक साल हो रहे हैं सड़क चौड़ीकरण के लिये मकानों को तोड़े हुए। अभी तक काम पूरा नहीं हो सका। वहां के लोगों की कभी सोचते हो कि उन पर क्या गुजरती होगी। तुम्हारा घर होता तो अभी तक लड़ पड़ते। आखिर काम क्यों नहीं हो रहा है। बारिश के पहले काम हो जाना चाहिए। पता नहीं कैसे नाले और पुलिया बना रहे कि काम ही नहीं हो रहा है। हीला हवाली बंद कर दो नहीं तो निपट जाओगे। इस पर उपयंत्री और सहायक यंत्री की जमकर क्लास ली।

झूठ दिखाने की आदत हो गई है

अमौधा तालाब प्रोजेक्ट का प्रजेन्टेशन जब दिखाया गया तो कलेक्टर ने कहा कि यह छ: महीने पुरानी फोटो दिखा रहे हो। तीन बैठके लेता हूं उसमें भी नई फोटो नहीं दे सकते। दो मिनट के लिये मौके पर जाकर वर्तमान की फोटो नहीं खींच सकते। झूठा प्रजेन्टेशन देने की आदत हो गई है। इंजीनियर रोहित तिवारी से कहा कि स्वीकृति के बाद भी टेंडर नहीं लगा पाए, आखिर काम क्या कर रहे हो? एक सप्ताह में यह काम हो जाना चाहिए। लेक नेक्टर पर कहा कि जब से आया हूं सिर्फ तारीख बता रहे हो। काम पूरा नहीं हो रहा है। 15 जुलाई तक काम पूरा होने की तारीख दी गई।

जीआईएस प्रोजेक्ट भी अधूरा

2 करोड़ के लगभग का प्रॉपर्टी टैक्स का जीआईएस प्रोजेक्ट भी अधूरा मिला। 11 वार्डों का डाटा नहीं मिला है जबकि भुगतान 50 फीसदी का हो गया है। कलेक्टर ने कहा कि एक सप्ताह में काम पूरा नहीं हुआ तो आगे का पूरा भुगतान रोक देंगे। अंडर ग्राउण्ड ट्रंच की लगातार मिल रही शिकायत पर भी नाराजगी जाहिर की। नारायण तालाब के ठेकेदार को अंतिम चेतावनी पत्र दिये जाने की जानकारी दी गई।

ये है हकीकत

- 924 के कुल 72 प्रोजेक्ट स्वीकृत- 727 करोड़ के 43 प्रोजेक्ट पर काम चालू

- नेक्टर झील की प्रगति 86 प्रतिशत- अमौधा तालाब सौदर्यीकरण 97 प्रतिशत

- मॉडल रोड निर्माण 80 प्रतिशत- वेंकटेश मंदिर सौन्दर्यीकरण 55 प्रतिशत

- विजुअल इंप्रूवमेंट 56 प्रतिशत,- नारायण तालाब 58 प्रतिशत

- संतोषी माता तालाब 70 प्रतिशत- धवारी तालाब 64 प्रतिशत