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satna: युवा आईएएस आईपीएस ने की बदलाव की बातें

मध्यप्रदेश सरकार की युवा नीति पर आयोजित की गई गूगल मीट

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satna: युवा आईएएस आईपीएस ने की बदलाव की बातें

satna: young IAS IPS talked about change

सतना. सुशासन सप्ताह के तहत मध्यप्रदेश की युवा नीति पर 35 साल से कम आयु के युवा अफसरों की गूगल मीट आयोजित की गई। रीवा संभाग की इस गूगल मीट का आयोजन प्रभारी कमिश्नर छोटे सिंह ने किया। इसमें सतना जिले के 35 वर्ष से कम आयु के आईएएस-आईपीएस अफसरों सहित विभिन्न विभागों के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर शामिल हुए। इस मीट में सतना एसपी आशुतोष गुप्ता, अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, जिपं सीईओ डॉ परीक्षित झाड़े सहित अन्य अफसर शामिल हुए। कलेक्टर 35 वर्ष की आयु से ज्यादा होने के कारण इसमें शामिल नहीं हुए।

युवा पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना हो: आशुतोष

पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने दो सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि म.प्र. शासन की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति है। खुद मुख्यमंत्री इस दिशा में काफी गंभीर है। ऐसे में लोकायुक्त और ईओडब्लू जैसी भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाली संस्थाओं पर युवा आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना कंपलसरी की जानी चाहिए। एक मुद्दा सीआरपीसी परिवर्तन से जुड़ा सामने रखा। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में ज्यादातर युवा अपराध की ओर मुड़ रहा है। जो आरोपी सामने आ रहे हैं उनमें ज्यादातर 25 या उससे कम उम्र के है। अभी क्रिमिनल प्रोसीजर की तहत कोई भी जमानतदार आता है और जमानत देता और न्यायालय जमानत दे देती है। एसपी ने सुझाव दिया कि 25 साल से कम आयु के आरोपियों की जमानत उनके माता पिता को दी जाए अगर वे नहीं है तो रक्त संबंधी जमानते लें। ऐसे में आरोपी पर पारिवारिक दबाव भी रहेगा और परिवार भी इन पर नजर रखेंगे।

एक हो प्रशिक्षण एजेंसी: संस्कृति

अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा कि राज्य में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न कौशल योजनाएं विभिन्न विभाग चलाते हैं। इनके प्रशिक्षण कार्यक्रम अलग अलग विभाग और संस्थाओं द्वारा किये जाते हैं। जो कई बार काफी महंगे और कई बार काफी कम होते हैं। यह भी देखा जाता है कि अलग अलग विभागों की योजनाओं के प्रशिक्षण संबंधी एजेंसी एक जैसी होती या एक ही होती है। लेकिन इसमें कई बार यह पाया जाता है कि एक ही प्रशिक्षण के अलग-अलग विभाग और योजना की दरों में अंतर होता है या फिर कई बार डुप्लीकेटिंग हो जाती है। लिहाजा प्रदेश में कौशल प्रशिक्षण के लिए एक कॉमन सेंटर हो जो सभी विभागों की सभी योजनाओं का कौशल प्रशिक्षण दे। इससे विशेषज्ञता तो रहेगी ही साथ ही डुप्लीकेसी जैसे मामले भी नहीं आएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नव उद्यमियों के लिए बैंकों में डीपीआर लगती है। यह काम सीए जैसे लोग करते हैं। इसके लिए शासन स्तर पर डीपीआर का कामन ड्राफ्ट तैयार किया जाए। जिससे उद्यमी अनावश्यक परेशानी से बचेंगे और बैंक में भी यह आसानी से जमा हो सकेगा।

शिक्षकों की हो नियमित परीक्षा: डॉ परीक्षित

जिला पंचायत सीईओ डॉ परीक्षित झाड़े ने अपने सुझाव में स्कूल शिक्षा की बेहतरी की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की ट्रेनिंग और परीक्षा नियमित होनी चाहिए। इससे शिक्षक अपग्रेड तो होंगे ही नई चीजें भी सामने आती रहेंगी। इनकी उपस्थिति एप आधारित होनी चाहिए। साथ ही शिक्षकों को इन्सेंटिव और अन्य लाभों को परीक्षा परिणामों से लिंक किया जाना चाहिए। इसके अलावा रोजगार को स्थानीय जरूरतों के आधार पर तैयार करने की बात रखी। इनके अलावा विभिन्न विभागों के 35 साल से कम आयु के स्टेट सर्विस के अफसर भी जुड़े।