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sidhi: प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने से चमकेगी किसानों की किस्मत

40 हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेंगी सिंचाई सुविधा-जिले में आधा दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाएं प्रस्तावित-पुरानी योजनाओं का भी हो रहा विस्तार-सिंचाई सुविधा मिलने से खेती बनेगी लाभ का धंधा-प्रस्तावित सिचाईं परियोजनाओं एवं उनकी स्थिति पर एक नजर

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sidhi: Completion of the proposed irrigation projects will brighten th

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सीधी। जिले में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने से जिले के किसानों की किस्मत चमकेगी। नहरों के माध्यम से सिंचाई की सुविधा प्राप्त होने से फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और खेती लाभ का धंधा बनेगा। जिले में सिंचाई का रकवा लगातार बढ़ रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले की कुल करीब एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में से 62 हजार हेक्टेयर भूमि क्षेत्र सीङ्क्षचत हैं। जिले के बृहद, मध्यम एवं लघु बांधों के माध्यम से 32 हजार 775 हेक्टेयर भूमि की ङ्क्षसचाई हो रही है। वहीं बाण सागर बांध सिंचाई परियोजना से जिले का 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सींचित हो रहा है। सिंचाई हेतु शेष बचा करीब 40 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का क्षेत्र प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं से सींचित हो जाएगा।
बता दें की गुलाब सागर नहर विस्तार बहरी परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यह परियोजना जिले की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है जिसका कार्य अंतिम चरण मेें है। इसके गुलाब सागर नहर की बोकरो माइक्रो सिंचाई परियोजना को भी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा जारी बजट में स्वीकृति मिल गई है। विभागीय अधिकारियों की माने तो जिले में पांच माइनर ङ्क्षसचाई टैंक परियोजनाएं हैं, जिनका कार्य डीपीआर स्थिति में है। वहीं सीधी-सिंगरौली जिले की महत्वपूर्ण गौंड़ सिंचाई परियोजना भी स्वीकृत हो चुकी है, इसमें निर्माण स्थल को लेकर विवाद के कारण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। इस प्रकार इन निर्माणाधीन, स्वीकृत एवं प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण होने से जिले की कृषि योग्य भूमि सींचित क्षेत्र में आ जाएगी, जिसका किसानों को काफी लाभ होगा।
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गुलाब सागर नहर विस्तार बहरी परियोजना का कार्य अंतिम चरण में-
जिले के गुलाब सागर बांध से ङ्क्षसचाई का विस्तार करने के लिए स्वीकृत की गई गुलाब सागर नहर विस्तार बहरी परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस परियोजना से बहरी तहसील क्षेत्र के 54 गांवों की 7500 हेक्टेयर भूमि सींचित होगी। परियोजना की लागत करीब 85 करोड़ है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार परियोजना का कार्य लगभग 88 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
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गौड़ सिंचाई परियोजना से सीधी-सिंगरौली जिले में बढ़ेगी सिंचाई सुविधा-
गोपद नदी के सोनगढ़ में स्वीकृत गौड़ सिंचाई परियोजना से सीधी-सिंगरौली जिले के 90 गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। इस सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने से 9000 हेक्टेयर क्षेत्र में ङ्क्षसचाई सुविधा मिलेगी, जिससे दोनो जिले के करीब 90 गांव लाभांवित होंगे। परियोजना की लागत 745 करोड़ रुपये बताई गई है। पहले यह परियोजना गोपद नदी में सिंगरौली जिले के जालपान गांव में स्वीकृत की गई थी, लेकिन बाद में स्थान बदलकर सोनगढ़ गांव में कर दिया गया। जिसका ग्रामीणों द्वारा लगातार चार माह तक विरोध के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
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बोकरो माइक्रो सिंचाई परियोजना को मिला बजट-
मप्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गए अंतिम बजट में जिले के गुलाब सागर बांध की बोकरो माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए 1 हजार लाख रुपये का प्रतीक प्रावधान किया गया है। इस परियोजना की लागत राशि 6050 लाख रुपये है। परियोजना से जनपद पंचायत रामपुर नैकिन क्षेत्र की तीन हजार हेक्टेयर भूमि सींचित होगी, तथा 8 गांव लाभांवित होंगे।
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बनास माइक्रो परियोजना से 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र होगा सीङ्क्षचत-
जिले के मझौली विकासखंड अंतर्गत बनास नदी पर चमराडोल में प्रस्तावित बनास माइक्रो सिंचाई परियोजना से 12 हजार हेक्टयर भूमि सींचित होगी। इस परियोजना से मझौली विकासखंड के करीब 14 गांवों में ङ्क्षसचाई सुविधा का विस्तार होगा। इस परियोजना का डीपीआर सबमिट हो गया है।
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प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं पर एक नजर-
परियोजना - सींचित क्षेत्र
माइनर टैंक परियोजना सूखी - 400 हेक्टेयर
माइनर टैंक परियोजना कुशमहर - 450 हेक्टेयर
माइनर टैंक परियोजना चगोहर - 150 हेक्टेयर
माइनर टैंक परियोजना बारी - 1200 हेक्टेयर
माइनर टैंक परियोजना गांधीग्राम - 200 हेक्टेयर
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जिले की कृषि योग्य पूरी भूमि होगी सीङ्क्षचत-
जिले में निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण होने से जिले की कृषि योग्य करीब एक लाख हेक्टेयर पूरी भूमि सींचित हो जाएगी। अभी तक करीब 60 फीसदी कृषि योग्य भूमि सींचित क्षेत्र में है। सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार होने से खेती लाभ का धंधा बनेगा, और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
एसएम तिवारी, कार्यपालन यंत्री गुलाब सागर नहर परियोजना
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