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ये है मध्यप्रदेश के दधीचि: जिन्होंने विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए दान कर दी देह

मिसाल... संत मोतीराम दधीचि देहदान संस्था की प्रेरणा से पत्नी के साथ लिया था संकल्प 'देहदानी' दयाराम ने छोड़ी दुनिया

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Story of Deh Dani Dayaram Kapadi in satna madhya pradesh

Story of Deh Dani Dayaram Kapadi in satna madhya pradesh

सतना। देहदान का संकल्प पत्र भरने वाले दयाराम कापड़ी का रविवार को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा बल्कि पार्थिव देह को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा को सौंप दिया जाएगा। ताकि मेडिकल के विद्यार्थी अध्ययन कर सकें। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज को सूचना भेज दी है। सोमवार को चिकित्सकों की टीम सतना पहुंचेगी और पार्थिव देह को रीवा ले जाएगी।

परिजनों ने बताया कि संत मोतीराम दधीचि देहदान संस्था की प्रेरणा से दयाराम कापड़ी ने देहदान का निर्णय लिया था। इसके लिए बकायदा संकल्प पत्र भी भरा गया था। इसी प्रक्रिया के तहत निधन के बाद देहदान किया जा रहा है।

मोतीराम आश्रम में अंतिम दर्शन
समाजसेवी मनोहर सुगानी ने बताया कि पार्थिव देह को संत मोतीराम आश्रम में सोमवार को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। परिवार के कई सदस्य बाहर हैं, उम्मीद है कि वे सोमवार सुबह तक पहुंच जाएंगे। बेटियां भी पहुंच जाएंगी। अंतिम दर्शन के बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पार्थिव देह को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा ले जाया जाएगा।

पत्नी संग भरा था संकल्प पत्र
दयाराम कापड़ी कोई भी निर्णय पत्नी विद्यादेवी के संज्ञान में लाने के बाद ही लिया करते थे। इस संबंध में भी उन्होंने पत्नी से चर्चा की थी। इसके बाद वह भी देहदान के लिए तैयार हो गईं थीं। मार्च 2018 में दोनों पति-पत्नी ने एक साथ देहदान का संकल्प पत्र भरा था।

देह न मिलने से छात्रों को प्रैक्टिकल में होती थी दिक्कत
रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज सूत्रों की मानें तो कुछ वर्षों से मेडिकल छात्रों को अध्ययन करने में काफी परेशानी होती थी। कारण प्रैक्टिकल के लिए देह नहीं मिल पाती थी। जबकि समय-समय पर मेडिकल प्रबंधन ने जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया था। विंध्य क्षेत्र में देहदानी न मिलने के कारण कई बार बाहर के शहरों से भी देह मंगाई जा चुकी है।