
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की फुल बेंच सतना में बैठी। आयोग अध्यक्ष एसएन मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र को प्रभावित किए बिना तहसील या ब्लॉक का पुनर्गठन किया जा सकेगा। यह परिसीमन आयोग नहीं है। राज्य की प्रशासनिक इकाइयों संभाग, जिला, तहसील, जनपद के स्वरूप में जो परिवर्तन होने हैं, उसके लिए इस आयोग का गठन हुआ है।
अब भौगोलिक परिस्थितियों, जनसंख्या आदि को देखते हुए सुलभ प्रशासन के लिए जनोन्मुखी इकाइयों का पुनर्गठन किया जाना है। पुनर्गठन में सिर्फ सीमाएं नहीं आती, बल्कि इसमें अमला भी आता है। लिहाजा, आयोग पदीय संरचनाओं का युक्तियुक्तकरण भी प्रशासनिक दक्षता के लिए करेगा। 25 जिलों में बैठकें हो चुकी हैं और सुझाव आ चुके हैं। एक मोटा परिदृश्य तैयार हो चुका है। अगली बैठक तीन महीने बाद करेंगे।
आयोग सदस्य मुकेश शुक्ला ने कहा कि कोई भी नई इकाई बनाते समय या उसकी सीमा परिवर्तन करने से पहले उस स्थान की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, स्ट्रक्चर, मूलभूत सुविधाओं को समानुपातिक रखना आवश्यक होगा। आयोग सचिव अक्षय प्रताप सिंह ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रशासनिक पुनर्गठन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। इस दौरान कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, जिपं सीईओ संजना जैन, निगमायुक्त शेर सिंह मीना सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि ग्राम स्तर पंचायत स्तर, राजस्व निरीक्षक मंडल स्तर, तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें किसी भी प्रशासनिक इकाई का कोई युक्ति युक्तिकरण, विलोपन, नवीन सर्जन किया जाना है तो उसका उचित प्रस्ताव तैयार कर प्रश्नावली को अपडेट कर पृथक से शामिल कर कलेक्टर को भेजा जाएगा।
जिले के सभी अनुविभागों की बैठक के उपरांत कलेक्टर अपने स्तर पर अधीनस्थों से प्राप्त प्रस्ताव पर युक्ति युक्तिकरण पर वृहद चर्चा कर उस प्रस्ताव को अंतिम रूप से तैयार कर एवं प्रश्नावली को अपडेट कर आयोग को भेजेंगे। कलेक्टर अपने प्रस्ताव तैयार करते समय जनप्रतिनिधि की राय भी लेंगे एवं पूर्व में किसी प्रशासनिक इकाई के युक्ति युक्तिकरण में यदि कोई आवेदन या मांग पत्र आया हो तो जिला स्तर पर पेंडिंग हो तो उसे भी कलेक्टर विचार में लेंगे।
नवीन प्रशासनिक इकाई के लिए तैयार किए गए मार्गदर्शी सिद्धांत की जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दिए गए। वर्तमान में ऐसी राजस्व इकाइयां जो जिला या तहसील मुख्यालय से दूर हैं लेकिन दूसरे जिले या तहसील मुख्यालय के समीप हैं ऐसी प्रशासनिक इकाइयों में परिवर्तन किया जा सकता है। इसके लिए प्रश्नावली तैयार की गई है।
इसमें बताया गया कि कैसे सीमाओं का निर्धारण, कहां पर किस मान किया जाना उचित रहेगा? नए पुनर्गठन में यह आवश्यक देखा जाएगा की जनसंख्या का संतुलन हो। यदि हम कोई इकाई बना रहे हैं तो वहां यदि जनसंख्या कम है एवं सुविधाएं नहीं है तो इसका कोई लाभ नहीं है। वहीं कई बार कुछ जगह पर जनसंख्या ज्यादा रहती है एवं औद्योगिक विकास भी है, लेकिन हम उसे नई इकाई का दर्जा नहीं दे सके हैं तो नए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में यह बातें शामिल की जाएंगी।
जिपं सीईओ ने सिंहपुर, मझगवां, पिडरा पंचायतों को बड़ी पंचायत बताते हुए नगर पंचायत में तब्दील करने का सुझाव दिया। रामपुर बाघेलान की 24 पंचायतें जो अमरपाटन में हैं लेकिन राजस्व इकाई सतना जिले में हैं, कलेक्टर ने नीति, प्रशासन, विकास के आधार पर इकाई गठन को लेकर सुझाव दिए।
Published on:
16 Sept 2025 04:47 pm
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