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satna: नाराज कलेक्टर ने पूछा, 8 माह में राजस्व अधिकारियों ने कोई अच्छा काम किया हो तो बताओ?

सबसे ज्यादा अधिकारी राजस्व विभाग में फिर भी सबसे कमजोर काम अपना मूल काम तक नहीं कर रहे राजस्व अफसर और ये उनका आईना है

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satna: बेपटरी हुए राजस्व अधिकारियों से कलेक्टर ने पूछा, 8 माह में कोई अच्छा काम किया हो तो बताओ?

Tell me if you have done any good work in 8 months: satna collector

सतना। चुनाव के बाद से राजस्व विभाग का काम काज बेपटरी हो चुका है। विभागीय अधिकारी न तो राजस्व के मूल काम सही तरीके से निपटा रहे हैं न ही सीएम हेल्प लाइन जैसी शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं पर समस्या का निराकरण कर रहे हैं। हालात यह हैं कि प्रदेश में अपनी श्रेणी के जिले में आखिरी पायदान से सिर्फ एक अंक ऊपर हैं। इस पर आरओ बैठक में कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को न केवल जमकर फटकार लगाई बल्कि उसके कामकाज का आइना दिखा दिया। चेताया कि यही हाल रहा तो अगली बार एसडीएम और तहसीलदारों की एक एक सप्ताह का वेतन काटूंगा। राजस्व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि मेरे 8 माह के कार्यकाल में राजस्व विभाग के अफसरों ने कोई अच्छा काम किया है तो वो है चुनाव का। लेकिन उसमें भी अन्य विभाग शामिल थे। फिर भी आप लोगों को लगता है कि इन 8 माह में एक भी अच्छा काम किया है तो वो बता दो। ऐसा लग रहा है कि आप लोगों ने पेन ही रख दिया है। राजस्व के किसी भी फील्ड में काम खुद देख लो... न आरसीएमएस... न सीएम हेल्प लाइन... नामांतरण बंटवारा जैसे मूल काम सही नहीं चल पा रहे हैं। कर क्या रहे हो आप लोग। ये आप लोगों का आईना है।

अमला तो दूर ऑफीसर ही काम नहीं कर रहा

कलेक्टर ने कहा कि बहुत से विभागों में बहुत अमला है। लेकिन शिक्षा विभाग के बाद रेवेन्यू ही ऐसा है जिसमें सबसे ज्यादा अमला है। और अधिकारियों की बात करें तो सबसे ज्यादा अफसर राजस्व में ही है। इतने सीनियर स्तर के अधिकारियों के होते हुए अगर काम नहीं हो रहा है तो फिर गड़बड है। नीचे के अमले को क्या कहैं जब अधिकारी ही काम नहीं कर रहे। अगले सप्ताह तक अगर सुधार नहीं हुआ तो अब सभी अधिकारियों की एक-एक सप्ताह की वेतन काटी जाएगी।

दूसरे विभाग को क्या कहें

कलेक्टर ने कहा कि हर टीएल में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करता हूं। कमजोर प्रगति पर डांट लगाता हूं। लेकिन जब अपने ही राजस्व विभाग की स्थिति देखता हूं तो चुप रह जाना पड़ता है। लेकिन आप लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर कुछ असर हो रहा है तो इसमें सुधार करें। सीएम हेल्पलाइन के मामले तीन अंक में दिखना चाहिए।

अब अभियान मोड में करें काम

राजस्व अफसरों की स्थिति यह है कि रुटीन का काम नहीं कर रहे हैं। इसलिये अब रुटीन के काम भी अभियान मोड में करना होगा। आरसीएमएस की प्रगति सुधार लें तो आप लोगों के लिये ठीक होगा। वरना अभी जितने भी शो-कॉज दिये हैं किसी को क्लोज नहीं किया हूं। अगली बार कार्रवाई कर दूंगा।

इन्हें दिया नोटिस

तहसीलदार जिनके नामांतरण और बंटवारा की प्रगति 50 फीसदी से कम है उन सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी तरह से ई-केवाईसी में सभी तहसीलदारों को नोटिस जारी किया गया। कहा, जिले में कुल 14.94 करोड़ के विरुद्ध अब तक 9.97 लाख की वसूली पर नाराजगी जाहिर की।

रामपुर बाघेलान के 5 गांवों में हुए बंदोबस्त की वृहद जांच के निर्देश
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में रामपुर बाघेलान तहसील में आजादी के बाद हुए इकलौते बंदोबस्त की जांच के निर्देश दिए हैं। पांच गांवों में हुए इकलौते बंदोबस्त में इतने बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां है कि हजारों किसान एक दशक से परेशान घूम रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विगत अंक में इस मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। कलेक्टर ने रामपुर बाघेलान के पांच गांव बैलो, बरती, बकिया तिवरियान, बकिया बैलो और कंदवा गांव में हुए बंदोबस्त की गड़बड़ियों का मामला एसडीएम रामपुर बाघेलान से पूछा। उन्होंने जानकारी में नहीं होने की बात कही तो इस पर तत्कालीन तहसीलदार सविता यादव ने मामले की जानकारी दी। बताया कि बड़े पैमाने पर नक्शे में जो जमीनें जहां हैं वे नहीं दिख रही हैं। आकृति तक बदली हुई है। नये पुराने नंबर डुप्लीकेट हो गए हैं। अन्य कमियां भी बताईं। इस पर कलेक्टर ने एसडीएम को बंदोबस्त का वृहद सर्वे कराने के निर्देश दिए।

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राजस्व कोर्ट में बैठने की आदत डालें अधिकारी

कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने निर्धारित दिवसों में राजस्व कोर्ट में बैठे और आगामी सितंबर माह में राजस्व के सभी कार्यों को अभियान मोड में निष्पादित करें। कहा, राजस्व के कार्य आम लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं से जुड़े होते हैं। फौती नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के प्रकरणों का निराकरण अभियान मोड में करें। सभी गांवों में बी-वन का वाचन कराएं और प्राप्त आवेदनों को आरसीएमएस में दर्ज कर निराकृत करें। आगामी 10 दिवस में यह कार्यवाही पूर्ण कर एसडीएम 5 सितंबर की टीएल बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि पटवारी निर्धारित दिवसों में अपने हल्के की ग्राम पंचायत में बैठे और फील्ड में जाएं, एसडीएम सुनिश्चित करें। तहसील स्तर पर होने वाली मंगलवार की जनसुनवाई में पटवारियों को भी बुलाएं, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो सके।

35 फीसदी नामांतरण लंबित

नामांतरण की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण राजस्व में टॉप प्राथमिकता में रखें। इस वित्तीय वर्ष में 65 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण हुआ है, 7 हजार 606 प्रकरण अभी लंबित है। अगले एक हफ्ते में 75 प्रतिशत निराकरण हो जाना चाहिए। उन्होंने नामांतरण के निराकरण में 50 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सीमांकन की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित राजस्व निरीक्षकों को दैनिक आधार पर सीमांकन के टारगेट दें। जिले के कुल 34 राजस्व कोर्ट में सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण 49 प्रतिशत पाया गया।

पंचायतों के गबन की वसूली गंभीरता से कराएं

ग्राम पंचायतों के अंतर्गत धारा 92 के निर्णीत प्रकरणों में वसूली योग्य राशि की तहसीलवार सूची उपलब्ध कराते हुए सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने कहा कि जिनमें अंतिम आर्डर हो गए हैं, उन्हें तहसीलदार आरआरसी के तहत प्रकरण दर्ज कर वसूली कराएं। इनमें मैहर में 12, उचेहरा 15, रामपुर बघेलान 17, मझगवां 26, अमरपाटन 4 और रामनगर के 12 प्रकरण शामिल हैं। सीईओ जिला पंचायत ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र निराकरण करने तथा हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिए।
राजस्व वसूली में प्रगति लायें
भू-राजस्व एवं अन्य मदों की वसूली की समीक्षा करते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जिले में कुल 14 करोड़ 94 लाख रुपए की मांग के विरुद्ध अब तक 9 लाख 97 हजार की वसूली अत्यंत कम है। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति मार्च 2023 तक लक्ष्यानुसार वसूली कर ली जाएगी।