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बिना लाइसेंस चल रहे दो वाटर प्लांट सीज, बोर का पानी सीधे कर रहे थे पैक

खाद्य एवं औषधि विभाग और जिला प्रशासन की कार्रवाई, सैम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए

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Two water plant seized without license

Two water plant seized without license

सतना। शहर के अंदर बिना लाइसेंस के दो वॉटर प्लांट संचालित हो रहे थे। संचालक नियम कायदों को ताक पर रखते हुए बोर के पानी को पाउच व जार में पैक कर बाजार में बेच रहे थे। इस तरह वे लंबे समय से आमव्यक्ति की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। इसका खुलासा शनिवार को जिला प्रशासन व खाद्य विभाग की संयुक्त जांच में हुआ। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों प्लांटों को सीज कर दिया और सैम्पल जांच को भोपाल भेजा।

ये है मामला
जिलेभर में अमानक पानी पाउच की बिक्री हो रही है। इसको लेकर 22 अप्रैल को पत्रिका ने 'पानी के पाउच में न एक्सपायरी डेट न बैच नंबर' शीर्षक नाम से खबर प्रकाशित की थी। खुलासा किया था कि बाजार में बिकने वाला पानी आम व्यक्ति की सेहत के लिए उचित नहीं है। नियमों का पालन तक नहीं हो रहा है। लोगों द्वारा अमानक पाउच बिक्री और पैकिंग की शिकायत भी दर्ज कराई जा रही थी।

प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए

लेकिन, राजनीतिक दबाव के चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही थी। लगातार शिकायत होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए। शनिवार को संयुक्त टीम ने जांच शुरू किया। इसमें दो वाटर प्लांट बिना लाइसेंस के संचालित होते पाए गए। जांच टीम में अभिहित अधिकारी ओमनारायण सिंह, एसडीएम बलवीर रमन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीतल सिंह, वेद प्रकाश चौबे, सीमा पटेल, तहसीलदार सहित राजस्व अमला शामिल रहा।

नियुक्ति के बाद दूसरी कार्रवाई
डिप्टी कलेक्टर ओम नारायण सिंह को खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग का अभिहित अधिकारी नियुक्त होने के बाद कार्रवाई में तेजी आई है। इसके पहले खाद्य प्रशासन विभाग के सीएमएचओ पदेन उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन होते थे। अभी तक राजनीतिक दबाव के चलते मिलावट के कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। ओम नारायण की नियुक्ति के बाद यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले बीते दिनों मैहर में दबिश दी गई थी।

बोर के पानी को कर रहे थे पैक
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जांच में पाया कि दोनों प्लांट में बड़ी मात्रा में स्टॉक रखा हुआ है। पांच हजार से अधिक पानी के पाउच और सैकड़ों जार का स्टॉक था। बोर के पानी को बीआइएस (ब्यूरो इंडियन स्टैंडर्ड) मानको के विपरीत बिना फिल्टरेशन पैक किया जा रहा है। टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों प्लांट से पानी के पाउच के सैम्पल लिए और भोपाल प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा।

इन पर कार्रवाई
जांच टीम ने नारायण तालाब के पास उतैली स्थित कुसुम एक्वा मिनरल ब्रांड-शुभ, प्रोपराइटर सुरेंद्र गुप्ता और नीमी स्थित एएस मिनरल्स ब्रांड जलम प्रोपराइटर आशुतोष सिंह के वॉटर प्लांट में औचक दबिश दी। टीम ने पाया कि प्लांट में मशीन चल रही है। पानी के पाउच और जार की पैकिंग की जा रही है। जबकि दोनों प्लांट के संचालकों द्वारा बीआइएस (ब्यूरो इंडियन स्टैंडर्ड) और एफएसएसएआइ (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम) के तहत लाइसेंस ही नहीं लिया गया है। बिना लाइसेंस वॉटर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। उसके बाद टीम ने दोनों प्लांट को सीज कर दिया।