
vijaydan detha story bikal raja chamkul Joda played in satna
सतना. कहते हैं जब बच्चे अभिव्यक्ति करते हैं तो हर मन और दिल को छू जाता है। शुक्रवार को रामना टोला स्थित इजीफ्लाई स्कूल में कुछ ऐसा ही दिखा। बच्चों ने बइकल राजा, चमकुल जोड़ा नाटक का मंचन किया। नाटक के माध्यम से बड़े ही प्रभावी ढंग से वर्तमान व्यवस्था पर कटाक्ष किया। नाटक की शुरुआत महामंत्री दीवान और अधिकारी की एक राजा की चापलूसी से हुई। अंत राजा के खुलेआम बिना कपड़ों के घूमने से होता है। इसी के साथ राजा मूर्ख साबित हो जाता है। यहां पर राजा को बाइकल और उसके मंत्री व अधिकारियों को चमकुल जोड़ा की उपाधि दी गई।
बच्चों ने अभिव्यक्ति के माध्यम से बताया, भ्रष्ट और चापलूस मंत्री मूर्ख व्यक्ति को गुमराह कर सकते हैं। इसलिए देश का मुखिया योग्य होना चाहिए। मूर्ख राजा मल्टीनेशनल दर्जियों के चंगुल में फंसकर अपने दर्जियों का तिरस्कार करता है। मल्टीनेशनल दर्जी धीरे-धीरे राजा को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। बच्चों ने संदेश दिया कि विदेशी वस्तुओं के लालच में कभी भी देशी वस्तुओं का तिरस्कार न करें।
बघेली लोकगीतों और हास्य व्यंग्य के माध्यम से बच्चों ने समकालीन राजव्यवस्था का पर्दाफाश किया। अतिरोचकता के साथ नाटक की बेहतरीन प्रस्तुति ने दर्शकों को दो घंटे तक बांध कर रखा। लेखक विजयदान देथा की लिखी इस कहानी बाइकल राजा, चमकुल जोड़ा को निर्देशित रंगकर्मी सविता दाहिया ने किया। नाटक में मुख्य भूमिका देवेश गुप्ता, कनिष्का, स्नेहा, पुलक जैन, संचित जैन, संस्कार, समृद्धि, प्रथा, ताम्रकार, आराध्या, आर्या, सिद्धि, आयुष, अंवेक्षणा, मानस और अभिषेक ने निभाई।
कलाकारों ने लूटी वाह-वाही
बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया नाटक आकर्षण का केंद्र रहा। कलाकारों ने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। बाल कलाकारों की प्रतिभा देख कर शहर के गणमान्य नागरिक प्रफुल्लित हो गए। वर्तमान समाज पर बढ़ रही राजनीतिक दखलंदाजी से संबंधित यह पूरा नाटक था। बच्चों के सुदंर चैहरे को देखकर दर्शक सेल्फी लेने को मजबूर हो गए।
Published on:
16 Jun 2018 05:17 pm
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