खीदरपुर गांव में वर्ष 2011-12 से आंगनबाड़ी केन्द्र कच्चे भवन में ही संचालित हो रहा है। वर्तमान में यहां कुल 14 बच्चे पंजीकृत है। इसमें छह बालक व आठ बालिकाएं अध्ययनरत है। आंगनबाड़ी भवन का प्रतिमाह किराया दो सौ रुपए है। ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी भवन को पक्का बनवाने के लिए कई बार सरंपच को अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति ठीक नहीं है। ज्यादातर आंगनबाड़ी केन्द्र बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। इन केन्द्रों पर बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों में बुनियादी सुविधाएं न होने का असर बच्चों की उपस्थिति पर भी पड़ रहा है। बच्चों के नाम भले ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज हो लेकिन बहुत कम ही बच्चे यहां पहुंच रहे हैं। किराए के भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर समुचित व्यवस्थाओं के अभाव में आने वाले छोटे बच्चो को भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाती है।
दीवार क्षतिग्रस्त, गेट तक नहीं
खीदरपुर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र की हालत ये है कि यहां दीवार तक क्षतिग्रस्त है। इस पर गेट तक नहीं है। इससे बच्चो को भी परेशानी होती है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्र पर शौचालय तक नहीं है।
– जिले में कुल 1094 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित।
-22 हजार 186 पंजीकृत गर्भवती व धात्री महिलाएं क्षेत्र में संख्या।
-2019 किशोरियां पंजीकृत।
-3 वर्ष तक पंजीकृत बालक-43 हजार 377
-3-6 वर्ष पंजीकृत बालक-20 हजार।
……………
इनका कहना है
पिछले आठ सालों से आंगनबाड़ी केन्द्र कच्ची झौपड़ी में किराए से ही संचालित हो रहा है। कई बार सरपंच, संबंधित विभाग व जिला प्रशासन को समस्या से अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
धौलीदेवी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, खीदरपुर
खिदरपुर गांव में कच्चे झौंपड़ी में चल रही आंगनबाड़ी के बारे में सुपरवाईजन से जानाकारी ली जाएगी। इसके बाद नए भवन निर्माण करवाया जाएगा।
प्रियंका शर्मा, ग्रामीण सीडीपीओ, महिला एवं बाल विकास