इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, बीपीएल व नि:शक्त वर्ग की ऐसी छात्राओं को दिया जाएगा, जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 8,10 व 12 की परीक्षाओं में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान पर रही हैं। इसी प्रकार संस्कृत शिक्षा विभाग में अध्ययनरत आठों संवर्गों की ऐसी छात्राएं, जिन्होंने बोर्ड की कक्षा आठवीं, प्रवेशिका और वरिष्ठ उपाध्याय बोर्ड परीक्षाओं में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, उनको पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार राशि के रूप में आठवीं में 40 हजार, 10वीं 75 हजार व 12वीं कक्षा में प्रथम स्थान पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। 12वीं कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय तीनों में अलग-अलग राशि दी जाएगी।
उपशासन सचिव से जारी आदेशों में बताया गया है कि यदि किसी भी वर्ग में समान अंक प्राप्त करने वाली एक से अधिक बालिकाएं हो तो सभी को पुरस्कार राशि एवं प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। जानकारी के अनुसार जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को इस पुरस्कार के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
जिले में पुरस्कार के लिए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद जिलेवार सभी श्रेणियों की प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं की सूची निदेशक, माध्यमिक शिक्षा को 15 अगस्त को भेजनी होगी। इसके लिए बाद निदेशालय बालिका शिक्षा फाउंडेशन को देंगे। वहीं किसी भी बालिका के नियमित अध्ययनरत नहीं होने की स्थिति में नहीं दिया जाएगा। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 19 नवम्बर को इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर वितरण किया जाएगा। योजना के तहत बालिका निजी व सरकारी किसी भी स्कूल की हो सकती है। पुरस्कार की राशि बालिका के खाते में जमा कराई जाएगी।
इनका कहना है
पदमाक्षी पुरस्कार का नाम अब इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार कर दिया है। अगले सत्र से छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।
अशोक शर्मा, एडीईओ माध्यमिक, सवाईमाधोपुर