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पेयजल की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

जिला मुख्यालय पर पेयजल संकट गहराता जा रहा है। जलदाय विभाग के प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं। सोमवार को सीमेंट फैक्ट्री के लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर जलापूर्ति कराने की मांग की।

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sawaimadhopur

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सवाईमाधोपुर. जिला मुख्यालय पर पेयजल संकट गहराता जा रहा है। जलदाय विभाग के प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं। सोमवार को सीमेंट फैक्ट्री के लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर जलापूर्ति कराने की मांग की। नीता, कुंदन सिंह आदि लोगों ने बताया कि क्षेत्र में करीब दो माह से जलापूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में लोगों को परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि गत दिनों भी जलापूर्ति की मांग को लेकर सीमेंट फैक्ट्री के लोगों ने हाइवे पर जाम लगा दिया था।


बिजली-पानी का संकट
सवाईमाधोपुर. कांग्रेस कमेटी के सदस्य व आईटी सेल के प्रदेश संयोजक दानिश अबरार ने बताया कि गर्मी के मौसम में आमजन बिजली व पेयजल संकट से परेशान है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायिक को आमजन की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं हैं।
अबरार ने नगर परिषद क्षेत्र के दौरे के तहत सोमवार को बजरिया स्थित कई वार्डों का दौरा कर समस्याएं जानी। लोगों ने बताया कि एक बाल्टी पानी के लिए भी उनको काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
चौथ का बरवाड़ा. कस्बे में सोमवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान संघ ने उड़द की फसल के मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर उपजिला कलक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर उपजिला कलक्टर युगांतर शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान तहसील अध्यक्ष रामजीलाल मीना, संगठन मंत्री भरतलाल गोस्वामी, मीडिया प्रभारी आशाराम गहलोत सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। ज्ञापन में बताया कि किसानों की 120 मांगे थी। इसमें किसानों की फसल खराबे के मुआवजा, कर्ज माफी, बीमा क्लेम आदि मांगे शामिल है। ज्ञापन सौंप कर किसानों की मांगों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की है।

चिकित्सकों का अभाव बना परेशानी
कुंडेरा. क्षेत्र के श्यामपुरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक नहीं होने ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गत 4 माह से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक का पद खाली चल रहा है। नर्सिंग स्टाफ भी कम है। ऐसे में ग्रामीणों को सरकारी अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड पर था।

उसके बाद से करीबन 4 माह से कोई भी चिकित्सक सरकार द्वारा नहीं लगाया गया है। ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में ग्रामीणों को झोलाछाप द्वारा इलाज कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने चिकित्सक में नर्सिंग स्टाफ लगाने की मांग की है।