बच्चों पर इसका गलत असर पड़ रहा है। लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध तरीके से पंचायत के गांवों में दुकानें चल रही है। गुपचुप तरीके से रात भर शराब बेचते हैं। विद्यार्थियों का कहना था कि सुबह से ही शराब पीने वालों का ठेकों पर पहुंचना शुरू हो जाता है। सेल्समैन वहीं आसपास बैठे रहते हैं जो शराब लाकर ग्राहक को देते रहते हैं। नशा मुक्त ग्राम योजना संरक्षक हेमराज सैनी, जमनालाल, बृजराज सैनी, राजेंद्र, बनवारी, आसाराम, पुरुषोत्तम, मुकेश, मोतीलाल, विजेंद्र वर्मा आदि ने बताया कि ठेकों को बंद करवाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन भी दिए जा चुके है, लेकिन आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में रोष है।