चारे-पानी के लिए तरस रहा गोवंश, गोशाला ने खींचे हाथ, राजीव गांधी गोशाला का मामला
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सवाईमाधोपुर. एक तरफ तो सरकार गोवंश को बचाने के लिए प्रयास कर रही है। गोशाला प्रबंधकों को हरसंभव मदद का आश्वासन दे रही है, तो दूसरी ओर कई गोशालाओं में चारे के इंतजाम तक नहीं है। ऐसा ही मामला शिवाड़ कस्बे स्थित राजीव गांधी गोशाला में देखने को मिला। यहां दो दशक से राजीव गांधी गोशाला संचालित है। ईसरदा चौकी पुलिस ने गत दिनों एक ट्रक से 14 गोवंश को पकड़कर गोशाला में छोड़ दिया, लेकिन यहां चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से संचालकों ने गोवंश को रखने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि यहां बंधी गायों के लिए ही बड़ी मुश्किल से चारे की व्यवस्था हो रही है। एक दर्जन से अधिक गोवंश आने के बाद इनकी चारे-पानी की व्यवस्था मुश्किल हो गई है। सरकार से गोशाला के लिए कोई अनुदान नहीं मिल रहा है।
वर्तमान में 120 गोवंश
शिवाड़ कस्बे में गोशाला भगवान भरोसे ही चल रही है। यहां वर्तमान में 120 गोवंश है। चारे-पानी के लिए कर्मचारियों को भाग दौड़ करनी पड़ती है। प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने और गोवंश के आने के बाद समस्या खड़ी हो गई है। गोशाला प्रबंधन प्रशासन पर निर्भर है।
चार साल से नही मदद
गोशाला में पिछले चार साल से कोई अनुदान नहीं दिया जा रहा है। प्रबंधन अपने स्तर तो कभी भामाशाहों के सहयोग से ही गोवंश के लिए चारे-पानी की व्यवस्था कर रहा है। ईसरदा चौकी पुलिस ने गत दिनों 14 गोवंशों को पकड़कर गोशाला में छोड़ दिया, लेकिन लिखित में कोई सूचना नहीं दी। ऐसे में गोवंश के चारे के अभाव में दम तोडऩे का अंदेशा बना है।
&गोशाला में पर्याप्त चारा नहीं है। सरकार से अनुदान भी नहीं मिल रहा है। गोवंश के लिए चारे का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है।
परमानंद बैरवा, सचिव, राजीव गांधी गोशाला, शिवाड़
&राजीव गांधी गोशाला के गोवंश के लिए 3300 रुपए का सहयोग दिलाया गया है। भामाशाहों का सहयोग लेकर चारे की व्यवस्था के प्रयास कर रहे हैं।
शंभूसिंह, एएसआई, ईसरदा चौकी
&गोशाला में चारे की व्यवस्था के लिए पशुपालन विभाग या भामाशाह का सहयोग लिया जाएगा।
युगांतर शर्मा, एसडीएम, चौथकाबरवाड़ा
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