गौरतलब है कि करीब एक पखवाड़े से जिले के मौसम में लगातार बदलाव आ रहे हैं। कभी तेज धूप निकलती है तो कभी आसमान में बादल अपना डेरा जमा लेते हैं। मौसम में इस प्रकार से लगातार हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। बड़ी संख्या में लोग वायल फीवर, निमोनियां, मलेरिया व खासी जुकाम आदि से पीडि़त होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
यहां प्रतिदिन औषतन डेढ़ सौ मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। महज 6-8 बेड वाले इस अस्पताल में अक्सर बेड फुल रहते हैं। इससे मरीजों को कभी कभी टेबल पर लेटकर इलाज कराना पड़ता है। चिकित्सा प्रभारी रामफूल मीणा ने बताया कि गर्मी के कारण अस्पताल में मरीजो की संख्या बढ़ी गई है । उन्होंने लोगों से कहा, बीमारी की स्थिति में समय पर उपचार कराएं । इन दिनो लोगों को घर से निकलते वक्त पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक धूप से बचाव के लिये सिर पर टोपी, गमछा, टाबिल का उपयोग करे। ताजा भोजन ही गृहण करे।
गर्मी से बचाव के उपाय
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा प्रभारी रामफूल मीणा का कहना है कि वर्तमान में तेज धूप से बचाव की आवश्यकता है। अधिक से अधिक पानी का सेवन करें।तरल पदार्थों का उपयोग ज्यादा करें। बासी खाना, शीतल पेय तथा बाजार में बिकने वाले गन्ने व अन्य जूस का इस्तेमाल न करें। घर से निकलते समय पूरी आस्तीन के कपड़े तथा सिर पर अंगोछा या टोपी लगाकर निकले।