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कैसे फैलेगा शिक्षा का उजियारा!

locationसवाई माधोपुरPublished: Aug 10, 2018 03:17:48 pm

Submitted by:

Abhishek ojha

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दावों की पोल खोल रहा

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दावों की पोल खोल रहा

खिरनी. सरकार राजकीय स्कूलों की दशा सुधारने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन कस्बा क्षेत्र के ग्राम पंचायत जोलन्दा के महेश्वरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दावों की पोल खोल रहा है। हद तो यह है कि आठवीं तक के स्कूल की तीन कक्षाएं कक्षा-कक्ष के अभाव में बरामदे में संचालित हो रही है। करीब 35 वर्ष पूर्व बने विद्यालय के कमरे अब खस्ताहाल में पहुंच चुके हैं। संपूर्ण विद्यालय सात कमरों में संचालित हो रहा है, जिसमें से एक कमरे में प्रधानाचार्य कक्ष व दो कमरे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद पड़े हुए हैं।

इसके अलावा 4 कमरों में ही विद्यालय चल रहा है हल्की बारिश होने पर ही कमरों में पानी जमा हो जाता है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। विद्यालय प्रशासन ने बताया कि यहां 143 विद्यार्थी अध्ययनरत है जिसमें से 90 छात्राएं एवं 53 छात्र हैं। बुधवार को हुई तेज बारिश से कक्षाओं में पानी भर गया, जिससे विद्यार्थियों को एक घंटे तक काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस समस्या के बारे में पूर्व में कई बार उच्चाधिकारियों व जिला अधिकारी को अवगत करा चुके हैं, लेकिन भवन को लेकर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

एक ही शौचालय
एक ओर तो राज्य सरकार स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए एक ही शौचालय बना हुआ है। इस कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब कोई छात्रा बाथरूम करने जाती है तो बाहर छात्रों को इंतजार करना पड़ता है ऐसे में विद्यालय में एक शौचालय होने से परेशानी होती है।

भामाशाहों ने की सहायता
ग्राम पंचायत जोलन्दा की सरपंच धर्मा देवी गुर्जर ने विद्यालय के लिए काफी मदद की है। विद्यालय भवन के अंदर चारों ओर हाल ही में फर्श का कार्य करवाया है। इसके अलावा ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर लगाया गया, जिससे गर्मी के दिनों में बच्चों को पीने के लिए ठंडा पानी मिल सके। कुछ दिन पहले शुरू हुई दूध योजना में सरकार की ओर से बच्चों के लिए दूध शुरू किया, लेकिन चीनी का बजट नहीं होने से गांव के भामाशाह आगे आए और उन्होंने राशि एकत्रित कर छह माह की चीनी पूर्व में ही विद्यालय को दे दी। जिससे बच्चों को मीठा दूध मिल सके इसके अलावा विद्यालय स्टाफ भी अपनी राशि से विद्यालय में पंखे, कुर्सियां आदि की व्यवस्था कर चुके हैं।

हमारा प्रयास जारी है
विद्यालय में कमरों की कमी है। आंगन में कक्षाएं संचालित करने पड़ रही हैं। हमारी ओर से विद्यालय के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं
शंभू दयाल वर्मा, प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महेशरा
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