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हत्या के प्रयास के दो आरोपियों को दस वर्ष का कठोर कारावास

locationसवाई माधोपुरPublished: May 08, 2019 10:03:10 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

हत्या के प्रयास के दो आरोपियों को दस वर्ष का कठोर कारावास
 

sawaimadhopur

Ten years of rigorous imprisonment for killing

सवाईमाधोपुर. अनुसूचित जाति जनजाति न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश ने हत्या का प्रयास करने दो आरोपियों को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपियों को 27 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक मेघराज मीना ने बताया कि गत 22 जनवरी 2016 को परिवादी मौजीराम गुर्जर निवासी रतनपुर ने चौथकाबरवाड़ा थाना पुलिस में एक रिपोर्द दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि उसके ताऊ मोती गुर्जर का पुत्र लोडक्या गुर्जर अपने खेत पर खड़ी गेहूं की फसल की देखरेख करने जा रहा था। रात साढ़े दस बजे पप्पू, कैलाश, रामफूल सहित तीन-चार अन्य व्यक्ति साथ में खेत पर सोए हुए लोडक्या गुर्जर के पास आए। रंजिश को लेकर उसके साथ मारपीट करने लगे। इस दौरान लोडक्या चिल्लाया तो पास खेत में सो रहे बद्री गुर्जर व अन्य मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक सभी भाग छूटे थे। इसके बाद लोडक्या की हालत ज्यादा खराब होने पर उसे चौथकाबरवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन यहां से गंभीर हालत में सवाईमाधोपुर रैफर कर दिया।
इसके बाद थानाधिकारी ने विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। इसके बाद न्यायालय ने बहस सुनकर आरोपी कैलाश गुर्जर व पप्पू गुर्जर निवासी रतनपुरा को धारा 341/323/34, 325/34, 307/34 में दोष सिद्ध पाया। दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपियों के वकील ने उन्हें परिविक्षा पर रिहा करने की अपील की। इसका लोक अभियोजक ने विरोध किया। इसके बाद न्यायालय का मत रहा कि आरोपी मजरूब लोडक्या की हत्या करने के आशय से उसके साथ मारपीट की। इसके बाद एससी/एसटी न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने दोनों आरोपी को दस वर्ष का काठोर कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। वहीं दोनों आरोपियों को साढ़े तेरह-साढ़े तेरह हजार कुल 27 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
क्रास मुकदमे में आरोपी को किया दण्डित
उपरोक्त मामले में एससी/एसटी न्यायाधीश ने आरोपी लोडक्या गुर्जर निवासी रतनपुरा को 323 व 341 आईपीसी में दोष सिद्ध पाए जाने पर 6 माह का साधारण कारावास व एक हजार रुपए के दण्ड से दण्डित किया।
विशिष्ट लोक अभियोजक मेघराज मीना ने बताया कि गत 23 जनवरी 2016 को परिवादी कैलाश गुर्जर निवासी रतनपुरा ने चौथकाबरवाड़ा थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि परिवादी का भाई पप्पू रोजाना की तरह अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल की देखरेख करने जा रहा था। रात दस बजे शराबी लोडक्या, हरिराम, गोपी, मौजीराम, कालूराम, बद्री, पुरानी रंजिश को लेकर खेत में पहुंचे और गाली-गलौच की। इस दौरान आरोपियों ने लाठियों से वार किया।
इस दौरान घटनास्थल पर उसका भाई पप्पू गुर्जर उसे बचाने आया तो आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट की। इसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उनको बचाया। इसके बाद आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान आरोपी लोडक्या के विरूद्ध 341, 323 व 324 धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। गवाहों के बयान व बहस सुनने के बाद एससी/एसटी न्यायाधिश बालकृष्ण मिश्र ने उक्रोक्त फैसला सुनाया।
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