इसका उपयोग भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। विकास अधिकारी डॉ. सरोज बैरवा ने बताया कि दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला में तकनीकी ट्रेनर पावर पोइन्ट प्रेजेन्टेशन से जानकारी देंगे। वहीं विभिन्न ग्राम पंचायतों में जाकर फील्ड में प्रायोगिक कार्य करवा कर कारीगरों को ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण के दौरान जिला परियोजना समन्वयक बलवन्त सिंह, अधिशासी अभियंता भगवान सहाय बैरवा, शक्ति वर्धन, ग्राम पंचायतों के कारीगरों स्वच्छाग्राही व डीआरजी ने भाग लिया।