
7 दिन में नहरों में खोलें पांचना का पानी, वरना मानी जाएगी कोर्ट की अवमानना
ग्रामोत्थान संस्था की ओर से मुख्य सचिव सहित 9 अधिकारियों को भेजे नोटिस
7 दिन में नहरों में खोलें पांचना का पानी, वरना मानी जाएगी कोर्ट की अवमानना
राजस्थान उच्च न्यायालय ने दिए थे पांचना की नहरों में पानी खोलने के आदेश
46 गांवों की डेढ़ लाख की आबादी से जुड़ा है मामला
करौली जिले का पांचना का पेच एक बार फिर सुर्खियों में है। सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी तथा वजीरपुर इलाके में पांचना बांध का पानी नहरों में खोलने को लेकर मामला एक बार फिर गर्माने के आसार हैं। पांचना का पानी नहरों में खोलकर गंगापुरसिटी तथा वीजरपुर के गांवों में फसल सिंचित करने के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं हो पा रही है। अब इस मामले में ग्रामोत्थान संस्था की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव सहित 9 अन्य अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजे गए हैं। संस्था की कानूनी फर्म द्वारा भेजे नोटिस में कहा कि नोटिस मिलने के 7 दिन में पांचना का पानी नहरों में नहीं खोलने की स्थिति में इसे राजस्थान उच्च न्यायालय की अवमानना मानते हुए अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि करौली जिला मुख्यालय के पास बने पांचना बांध का पानी विवादों के चलते 2006 से सिंचाई के लिए नहरों में नहीं खोला जा सका है। इससे 46 गांवों की 40 हजार बीघा से अधिक जमीन को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। जिससे करीब डेढ लाख की आबादी प्रभावित हो रही है।
कोर्ट का यह था निर्णय
संस्था की ओर से भेजे गए नोटिस में बताया कि इस जनहित याचिका की 14 मार्च 2022 की सुनवाई में प्रशासन ने 3 माह का समय मांगते हुए सामंजस बिठाकर समाधान की बात कही थी। मामले में 8 जुलाई 2022 की सुनवाई तक कोई समाधान नहीं निकल पाने पर कोर्ट ने अपने निर्णय में नहरों के पहले से ही विकसित तंत्र का उपयोग करते हुए सिंचाई के लिए पानी खोलने, जहां और आवश्यता है वहां के लिए योजना बनाए जाने के आदेश दिए। साथ ही जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि नहरों में पानी खोलने पर जहां से अवरोध आते हैं, वहां पब्लिक नोटिस जारी करके सूचना दें कि उच्च न्यायालय ने नहरों में पानी खोलने के लिए आदेश दिए है और यदि कोई ऑब्जेक्शन है, तो कलक्टर के माध्यम से न्यायालय के संज्ञान में लाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति नहरों में पानी खोलने के विरोध में कानून व्यवस्था को हाथ में ले तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
इसके बाद 17 अगस्त 2022 की सुनवाई में सरकार की ओर से एडिशनल एफिडेविट के साथ प्राप्त ऑब्जेक्शन व उन पर विभाग की टिप्पणी पेश की गई। न्यायालय ने मामले में पूर्व में दिए आदेश की सख्ती से पालना के निर्देश दिए।
नोटिस भेजा है
रबी की फसल का सीजन निकलने की ओर है, लेकिन पांचना की नहरों में अभी तक पानी नहीं छोड़ा जा सका है। हाल ही में 24 नवम्बर को आयोजित जल वितरण कमेटी की बैठक में भी अधिकारी कोई निर्णय पर नहीं पहुंच कर एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नजर आए। ऐसे में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना के लिए ग्रामोत्थान संस्था ने मुख्य सचिव समेत 9 अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजे है। जिसमें 7 दिवस में नहरों में पानी नहीं खोलने पर न्यायालय की अवमानना मानते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
रघुवीर प्रसाद मीना, अध्यक्ष, ग्रामोत्थान संस्था
Published on:
29 Nov 2022 10:41 am
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