महिला सुबह करीब साढ़े पांच बजे खेत पर जा रही थी। इसी दौरान बाघ झपट्टा मारकर उसे करीब 60 मीटर तक घसीटते हुए ले गया। चीख सुनकर आसपास मौजूद लोग पहुंचे तो क्षत-विक्षत शव खेत में पड़ा था। माना जा रहा है बाघ टी-64 ने महिला की जान ली है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन दिन से इलाके में बाघ टी-64 का मूवमेंट था। ग्रामीणों ने मुआवजे और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कुंडेरा से श्यामपुरा मार्ग जाम किया और पोस्टमार्टम से इनकार किया। वन विभाग व प्रशासन के समझाने पर दोपहर दो बजे पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए।
पांच लाख मुआवजा
जाम के दौरान मृतक के परिजनों को 20 लाख मुआवजा व घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। शाम करीब साढ़े चार बजे सीसीएफ मनोज पराशर कुण्डेरा पहुंचे और मृतका के पति रमेश योगी को चार लाख ( मुआवजा राशि) का चैक सौंपा। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर संवेदना व्यक्त की। साथ ही जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतका के परिजनों को एक लाख रुपए अतिरिक्त सहायता के आदेश दिए।
जाम के दौरान मृतक के परिजनों को 20 लाख मुआवजा व घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। शाम करीब साढ़े चार बजे सीसीएफ मनोज पराशर कुण्डेरा पहुंचे और मृतका के पति रमेश योगी को चार लाख ( मुआवजा राशि) का चैक सौंपा। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर संवेदना व्यक्त की। साथ ही जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतका के परिजनों को एक लाख रुपए अतिरिक्त सहायता के आदेश दिए।
14 साल में 11 की मौत
रणथम्भौर में 14 सालोंं में बाघों के हमले में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 2005 में एक, 2010 में तीन, 2012 में दो, 2013 में एक, 2015 में एक तथा 2018 में दो तथा 2019 में एक की जान गई है।
रणथम्भौर में 14 सालोंं में बाघों के हमले में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 2005 में एक, 2010 में तीन, 2012 में दो, 2013 में एक, 2015 में एक तथा 2018 में दो तथा 2019 में एक की जान गई है।
शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। बाघ कौनसा है पुष्टि नहीं हुई है। ट्रैकिंग कराई जा रही है।
मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर
मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर