
लाल मुंह वाले बंदर फिर से होंगे संरक्षित, पत्रिका फोटो
सवाईमाधोपुर. वन विभाग और केंद्र सरकार की ओर से लगातार घट रही लाल मुंह के बंदरों की प्रजाति को एक बार फिर वन विभाग की अनुसूची में जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में पूर्व में केन्द्र सरकार ने देश के सभी राज्यों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इस संबंध में एक बैठक उच्च स्तर पर भी हो चुकी है। हालांकि अधिसूचना जारी होना शेष है।
बता दें कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन्यजीवों को विभिन्न अनुसूचियों में सूचीबद्ध कर संरक्षण दिया जाता है। इन अनुसूचियों में शामिल प्रजातियों का शिकार, व्यापार या किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाना प्रतिबंधित होता है। लाल मुंह का बंदर पूर्व में भी इस अधिनियम की सूची में शामिल था, लेकिन 2022 के आसपास इसे अनुसूची से बाहर कर दिया गया। अब एक बार इसे फिर से शामिल करने की तैयारी कर ली गई है।
वन्यजीव सूची में शामिल नहीं होने पर वन विभाग आम तौर पर इनका रेस्क्यू नहीं करता है। अब अनुसूची में शामिल होते ही लाल मुंह के बंदरों की जिम्मेदारी भी वन विभाग के पास आ जाएगी। साथ ही आम आदमी इन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा और यह अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसे में शहर में उत्पात मचा रहे बंदरों को वनविभाग की ओर से जंगल में छोड़ा जाएगा।
केंद्र सरकार ने लाल मुंह के बंदरों को वन्यजीव अनुसूची में शामिल करने के प्रस्ताव मांगे थे। इस संबंध में बैठक हो चुकी है। लेकिन फिलहाल इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। अनूप के आर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर
Published on:
17 Nov 2025 08:36 am
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