scriptVIDEO जंगल में बाघों की ट्रैकिंग में जुटी रही टीम | Team engaged in trekking tigers in the jungle | Patrika News

VIDEO जंगल में बाघों की ट्रैकिंग में जुटी रही टीम

locationसवाई माधोपुरPublished: Apr 03, 2019 11:18:20 am

Submitted by:

rakesh verma

रणथंबोर के बाघ शिफ्टिंग का मामला अलवर के सरिस्का भेजा जाना है एक बाघ

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सवाई माधोपुर रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान में शिफ्टिंग की प्रक्रिया तेज हो गई है रणथंबोर से सरिस्का भेजने के लिए बाघ के चयन के लिए मंगलवार को वन अधिकारियों की टीम रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न क्षेत्रों में बाघों की ट्रैकिंग करती नजर आई इस दौरान एनटीसीए और डब्लू आई आई के सदस्य भी वन अधिकारियों के साथ रहे
टल भी सकता है मामला
वन अधिकारियों द्वारा रणथंबोर से बातचीत करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है लेकिन सूत्रों के अनुसार रणथंबोर से बाद शिफ्टिंग एक बार फिर अटक सकती है कारण है मौसम का बदल जाना सूत्रों की माने तो अब गर्मियां शुरू हो गई हैं जैसे जैसे समय बीतता जाएगा गर्मियों में इजाफा होता जाएगा ऐसे में बाघ को ट्रेंकुलाइज करना खतरे भरा रहेगा ऐसे में वन विभाग के अधिकारी फिलहाल गर्मियों में शिफ्टिंग को टाल भी सकते हैं हालांकि इस संबंध में अभी वन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है
इनमे से कोई एक बाघ भेजा जा सकता है सरिस्का
टी-75
नर

यह रणथंभौर में अपने पैर नहीं जमा पा रहा है। जंगल के जिस इलाके में यह पला-बड़ा हुआ वहां अब दूसरे नर बाघों ने अपना आधिपत्य जमा लिया है। नर बाघों से संघर्ष से बचने के लिए यह ीमा में या बाहर ही रह रहा है। इन दिनों इसका मूवमेंट खंडार इलाके के तलावड़ा में देखा जा रहा है। विभाग इसे भी सुरक्षित आवास क्षेत्र देना चाहता है।
टी-66

नर

युवा बाघ टी-66 लंबे समय से खंडार किला क्षेत्र में विचरण कर रहा है। बाघ जंगल में दूसरे इलाके में जाने का प्रयास करे तो रास्ते में कई दूसरे नर बाघों से संघर्ष होता है। ग्रामीणों के लिए आफत खड़ी करता है। ऐसे में यह बाघ आबादी एवं जंगल के बीच एक पतली लकीर में फंस कर रह गया है।
टी-95

नर

यह बाघ बहुत ज्यादा संवेदनशील जोन में रह रहा है। वैसे तो इसके पास आवास के लिए जंगल है, लेकिन उस जंगल में दूसरे दबंग नर बाघों की मौजूदगी इसे दुम दबाने पर मजबूर कर रही है। गंभीर बात यह है कि यह जिला मुख्यालय एवं रणथंभौर रोड वाले इलाके में झूमरबावड़ी के जंगल में यहां-वहां भाग रहा है।
यह है चयन का आधार
रणथंभौर से सरिस्का भेजे जाने वाले बाघों का चयन करने के लिए वन विभाग एवं एनटीसीए ने कुछ गाइडलाइन तय कर रखी है। इसके तहत रणथंभौर से ऐसे किसी भी बाघ को यहां से नहीं हटाया जाएगा जो इस जंगल में व्यवस्थित तरीके से रह रहा है। यहां से वे ही बाघ स्थानांतरित किया जयेगा जो आवास क्षेत्र नहीं मिलने के कारण यहां-वहां भटक रहा हो हैं और आबादी के करीब होने के कारण आने वाले दिनों में स्वयं एवं ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है
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